स्थिति:– दरी या कम्बल बिछाकर पीठ के बल लेट जाइए।
विधि:-दोनों पैरों को धीरे –धीरे उठाकर 90 अंश तक लाएं। बाहों और कोहनियों की सहायता सेशरीर के निचले भाग को इतना ऊपर ले जाएँ की वह कन्धों पर सीधा खड़ा हो जाए। पीठ कोहाथों का सहारा दें। हाथों के सहारे से पीठ को दबाएँ। कंठ से ठुड्ठी लगाकर यथाशक्ति करें।फिर धीरे-धीरे पूर्व अवस्था में पहले पीठ को जमीन से टिकाएं फिर पैरों को भी धीरे-धीरे सीधा करें।
लाभ:-थायराइड को सक्रिय एवं स्वस्थ बनाता है।मोटापा, दुर्बलता, कद वृद्धि की कमी एवं थकान आदि विकार दूर होते हैं।
सावधानियां – कमर दर्द, गर्दन दर्द ,हृदय रोगी, हाई बीपी व स्लिप डिस्क के रोगी न करें।
योगासन की बहुत सारे रोगों में नहीं किया जाता है। यहां पर कुछ का विवरण दिया गया है।
टूटी हुई हड्डी में
अल्सरक्षयरोग
हर्निया
उच्चक रक्ताचाप
ऑपरेशन