चाहे ट्रेवल करना हो आपकी हॉबी या फिर हो पैशन, अगर आपको घूमना पसंद है तो ये आर्टिकल आपके लिए ही है. इंडिया टुडे के टूरिज्म अवॉर्ड्स 2019 का ऐलान हो गया है. हमको मालूम चल गया है कि देश में घूमने के लिए सबसे बढ़िया, सबसे मलाई जगहें कौन सी हैं. इससे आपको ये फायदा होगा कि आप देशभर के उन लोकप्रिय पर्यटन स्थलों के बारे में जान जाएंगे जो अपनी-अपनी कैटगरी में बेस्ट हैं. ऐसी जगहें, जहां आपको एक बार तो ज़रूर होकर आना चाहिए. कौन सारी जगहें हैं ये, पढ़िए नीचे-
1. चादर ट्रेक (लद्दाख, जम्मू और कश्मीर)
अवॉर्ड- अडवेंचर कैटगरी में बेस्टम बेस्ट
ट्रेक का नाम है चादर. चादर का मतलब बर्फ की चादर. जो पहाड़ों के बीच दूर-दूर तक आपके पैरों के नीचे बिछी हुई है. दरअसल ये चादर जांस्कर नदी से जमकर बनी है. यहां 0 से 20 डिग्री सेंटिग्रेड नीचे का तापमान होता है. चिल्ड हवाओं के बाच जद्दोजेहद करते-करते आप ट्रेक करते हैं. अगर दम भरपूर है और ये ट्रेक पूरा करने का कलेजा रखते हैं, तो आपको 105 किलोमीटर का सफ़र तय करना होता है. यहां दिन छोटे और रातें लंबी होती हैं. बर्फ इस कदर जमी होती है कि आप कोई महफूज़ सी जगह चुनकर वहीं बर्फ के ऊपर अपना तंबू लगा सकते हैं.
पहुंचे कैसे- ये काफी जोखिम वाला ट्रेक है. काफी सारी फॉरमेलिटीज होती हैं. बाकायदा रजिस्ट्रेशन, मेडिकल जांच सब होता है. इसीलिए लाइसेंसी अडवेंचर स्पोर्ट्स कंपनियां इसका जिम्मा संभालती हैं. ये आपको दिल्ली से सीधे लेह और वहां से उधर ले जाएंगी, जहां से ट्रेक शुरू होता है.
2. पालोलेम (गोवा)
अवॉर्ड- बेस्टम बेस्ट बीच, बोले तो समंदर का किनारा
गोवा के साउथ में है पालोलेम बीच. गोवा में समंदर है. और है बेपनाह खूबसूरती. काफी कुछ है यहां करने को. ये जो पालोलेम बीच है, वो अपनी खूबसूरती और अलग-अलग तरह की ऐक्टिविटीज़ की वजह से काफी पसंद किया जाता है. समझिए कि ये गोवा का सबसे फेमस समुद्रतट है. सफ़ेद रेत बिखरी है यहां. झूमते हुए ताड़ के पेड़ खड़े हैं. सीज़न टाइम में तो ये और खुशगवार हो जाता है. यहां बांस की झोपड़ियां बनी हुई हैं, जिसमें आपको लोकल खाने-पीने की चीजें मिलेंगी. और भी काफी कुछ मिलेगा खरीदने को. योग और आध्यात्म से जुड़ी चीजें भी मिलेंगी. ये जगह कपल्स और सिंगल्स, दोनों के लिए मस्त है.
पहुंचे कैसे- पालोलेम के पास दो रेलवे स्टेशन हैं. यहां से 40 मिनट दूर है मारगाओ (मड़गांव) स्टेशन. 10 मिनट की दूरी पर है कानाकोना स्टेशन. वैसे ज्यादातर लोग हवा में उड़कर (माने प्लेन में बैठकर) पहुंचते हैं यहां. डाबोलिम एअरपोर्ट पर उतरते हैं, जो कि डेढ़ घंटे की दूरी पर है. इधर ना ओला-ऊबर नहीं चलती. तो इधर तो लोकल टैक्सी ही लेनी पड़ेगी. सस्ती नहीं होती ये. अच्छी-खासी महंगी पड़ जाती है जेब को.
3. राव जोधा डेज़र्ट रॉक पार्क (जोधपुर, राजस्थान)
अवॉर्ड- हेरिटेज वाली जगहों में बेस्टम बेस्ट
राजस्थान में ढेर सारे किले हैं. खूब सारे महल हैं. यहां जोधपुर में एक किला है- मेहरानगढ़. ये भारत के सबसे पुराने किलों में से एक है. इसी के अंदर है अपना ये वाला डेस्टिनेशन- राव जोधा डेज़र्ट रॉक पार्क. ये बना है ज्वालामुखी (वॉल्केनिक) चट्टानों और रेतीले पत्थरों से मिलकर. समझिए कि करीब 70 हेक्टेयर के इलाके में फैला है ये. दशकों से इसपर ध्यान नहीं दिया गया था. इसीलिए ये सूनसान पड़ा था. फिर इस पार्क का काम 2006 में शुरू हुआ. आम जनता को इसमें एंट्री मिली 2011 में.
4. गुलमर्ग (जम्मू-कश्मीर)
अवॉर्ड- पहाड़ों वाली लोकेशन में बेस्टम बेस्ट
CNN ने एशिया के सातवें सबसे अच्छे स्कीइंग वाले लोकेशन के रूप में गुलमर्ग को चुना था. ये इंडिया में विंटर स्पोर्ट्स का बड़ा सेंटर है. यहां दुनिया का सबसे ऊंचा गोल्फ कोर्स है. समुद्रतल से 2,650 मीटर की ऊंचाई पर. हज़ारों टूरिस्ट यहां स्कीइंग, टोबगानिंग, स्नोबोर्डिंग और हेली-स्कीइंग करने आते हैं. 1968 में केंद्र सरकार ने यहां स्कीइंग ट्रेनिंग और माउंटेनियरिंग की ट्रेनिंग के लिए यहां एक संस्थान शुरू किया.
पहुंचे कैसे – रेलवे, रोडवेज़, और बाय एयर जा सकते हैं.
5. कुंभ मेला (प्रयागराज, उत्तर प्रदेश)
फेस्टिविटी वाले सेक्शन में बेस्टम बेस्ट
2017 में यूनेस्को की ओर से कुंभ मेले को मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर के रूप में मान्यता दी गई थी. कुंभ मेले का आयोजन प्रयागराज (इलाहाबाद), हरिद्वार, नासिक और उज्जैन में बारी-बारी से होता है. ज्योतिष के हिसाब से 12 साल में प्रयागराज या हरिद्वार में बारी-बारी से महाकुंभ होता है. 2019 में 15 जनवरी से प्रयागराज में अर्धकुंभ शुरू हुआ और शिवरात्रि यानी 4 मार्च को ये खत्म हुआ. कुंभ माने अद्भुत आयोजन. करोड़ों लोग जुटते हैं यहां. इसकी विशालता, इसका फैलाव इसका सबसे बड़ा फैक्टर है. और सोचिए, जाने कब से होता आ रहा है ये. जाने कितनी पीढ़ियां इसमें नहाईं.
पहुंचे कैसे – देखिए, रेल से मन करे तो रेल से जाइए. वरना हवाई जहाज है उड़ने के लिए. बस भी चलती है. सड़क भी है माशा अल्लाह अच्छी-खासी. तो खुद भी जा सकते हैं. गांवों के कई लोग तो पोटली लादे-लादे पांव पांव चले आते हैं.
6. स्वर्ण मंदिर (अमृतसर, पंजाब)
आध्यात्मिक कैटगरी में बेस्टम बेस्ट
सिखों का सबसे पवित्र धर्मस्थल हरमिंदर साहिब या स्वर्ण मंदिर है. इस गुरूद्वारे का निर्माण 1581 में गुरु अर्जन देव ने शुरू किया था. इसे पूरा होने में 8 साल लग गए थे. स्वर्ण मंदिर को कुछ सोचकर अमृतसर शहर के लेवल से थोड़ा नीचे बनाया गया, ताकि ऊपर से नीचे आने में लोग अपना अहंकार छोड़कर आएं. 1830 में गुरूद्वारे के गर्भ में महाराजा रणजीत सिंह ने सोना लगवाया था. 2016 में अमृतसर के टाउनहॉल से हरमिंदर साहिब तक की रोड के दोनों तरफ की इमारतों को रीवैम्प करवाया गया था.
पहुंचे कैसे- दिल्ली से सीधी फ्लाइट हैं. और देश के किसी भी पार्ट से रेलवे और रोड वेल कनेक्टेड है.
7. श्रीनगर-लेह (जम्मू और कश्मीर)
सड़क हो, तो ऐसी हो (वरना न हो, ये नहीं कह सकते)
श्रीनगर से लेह तक जाने वाली 400 किलोमीटर से ज़्यादा लंबी ये सड़क पहले ड्राइविंग के लिए बहुत ख़राब हुआ करती थी. मगर अब BRO ने इसपर काफी मेहनत खपाई है अपनी. इतनी कोशिशों से सड़क बन गई है अच्छी-खासी. झन्नाटेदार मज़ा आता है इसपर. इस सड़क की वजह से बॉर्डर के आस-पास के इलाके पहुंच में आ गए हैं. जोजि ला का रास्ता पहले बड़ा खतरनाक होता था, लेकिन अब ये सीन बदल गया है. लेह से शुरू होकर से सड़क सिंधु के साथ-साथ आगे बढ़ती है. पत्थर साहिब गुरुद्वारा और मैग्नेटिक हिल तक की जर्नी में सिंधु-जांस्कर नदियों के संगम पर बसे अलची के प्राचीन गांव तक पहुंचती है. ऊंची कितनी है मालूम? जांस्कर रेंज की चढ़ाई के बाद फोटू ला को पार करिए, तो 14 हज़ार फुट की ऊंचाई पर पहुंच जाएंगे.
8. गिर नेशनल पार्क (गुजरात)
वाइल्डलाइफ कैटगरी में बेस्टम बेस्ट
गिर फेमस है एशियाई शेरों के लिए. इसका इलाका 1,153 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है. यहां शेरों की गिनती है 500 से ज्यादा. और भी वाइल्डलाइफ है यहां. तेंदुआ, सांभर, जंगली सूअर, चौसिंगा हिरन, चार सींग वाले मृग और चिंकारा सब हैं. इसके अंदर कमलेश्वर झील भी है. झील होगा हमारे-आपके लिए, कुछ मगरमच्छों के लिए तो उनका घर है. 200 से ज़्यादा पंछी भी उड़ते मिलेंगे. इस पार्क में अक्टूबर से जून के बीच लायन सफारी भी होती है. फिर जब शेरों के प्यार करने का मौसम आता है, तो पार्क को बंद कर दिया जाता है. ताकि वो पूरा टाइम लेकर बेफिक्री से बच्चे पैदा करें. कोई डिस्टर्ब न करे उनको.
पहुंचे कैसे – गिर से नज़दीकी रेलवे स्टेशन जूनागढ़ है, जो करीब डेढ़ घंटे दूरी पर है. इसके अलावा सबसे पास एअरपोर्ट राजकोट का है जहां से पार्क पहुंचने में टैक्सी से 4-5 घंटे लगते हैं.
9. मैंग्रोव फॉरेस्ट, सुंदरबन (पश्चिम बंगाल)
कुदरत वाली कैटगरी में बेस्टम बेस्ट
कुदरत को सराहना है, तो सुंदरबन पहुंच जाइए. पहेली है ये जगह. भारत और बांग्लादेश के बॉर्डर पर जहां गंगा, ब्रह्मापुत्र और मेघना नदियां बंगाल के डेल्टा में बदल जाती है, वही फैला है सुंदरबन. लगभग 10,000 किलोमीटर में. भारत में इसका 40% हिस्सा आता है. यहां पानी में रहने वाले और ज़मीन पर रहने वाले, दोनों टाइप के जानवर मिलेंगे. इनमें 260 प्रकार के पक्षी और कई लुप्त होने की कगार पर खड़ी प्रजातियां शामिल हैं. सुंदरबन के दिल की धड़कन (बाकी जानवरों से माफी) है रॉयल बंगाल टाइगर. करीब 100 की बिरादरी है इनकी यहां.
पहुंचे कैसे- सबसे पास एयरपोर्ट कोलकाता है. रेलवे स्टेशन कैनिंग है, जो कि लगभग 50 किलोमीटर दूर है. सुंदरबन के अंदर नदियों के रास्ते ही ट्रेवल किया जा सकता है. कोलकाता या कैनिंग से कई पास की जगहों पर पहुंचा जा सकता है जैसे नामखाना, सोनाखाली और नजत.
10. गोवा
सफर का लुत्फ लेना है, तो बेस्टम बेस्ट
एक तरफ कर्नाटक है, दूसरी तरफ महाराष्ट्र और इन दोनों के बीच दिल लूटने वाला गोवा. गोवा में इंडिया के सबसे खूबसूरत समुद्रतट हैं. इनको रखते भी जतन से हैं. गोवा के दो हिस्से- एक उत्तर, दूसरा दक्षिण. दोनों में उतना ही अंतर, जितना दिन और रात. खाना बोले तो, माहौल देखो तो, सब अलग-अलग. गोवा उन लोगों के लिए है जिन्हें नेचर से प्यार है. जिन्हें खाने-पीने का शौक है. और जो बीच पर समय गुज़ारना पसंद करते हैं. यहां का आर्किटेक्चर, मसाले और काजू एस्टेट लोगों को अपनी तरफ खींचते हैं.
पहुंचे कैसे- ट्रेन या एरोप्लेन किसी से भी आ सकते हैं. इसके पास दो रेलवे स्टेशन हैं. मारगाओ (मड़गांव) स्टेशन 40 मिनट और कानाकोना स्टेशन 10 मिनट की दूरी पर है. वैसे मैक्सिमम लोग बाय एयर ही ट्रेवल करते हैं. डाबोलिम एअरपोर्ट पर उतरते हैं जोकी डेढ़ घंटे की दूरी पर है.
11. अरुणाचल प्रदेश
जो अवॉर्ड देगा, उसकी भी तो मर्ज़ी चलेगी (नैचुरल है न)
इंडिया के नॉर्थ-ईस्ट के सबसे बड़े इस राज्य में घने जंगल, ऊंचे-ऊंचे पहाड़ और शानदार नदियां हैं. यहां मॉनसून झूम कर आता है. जिससे नदियां भर जाती हैं और वो उस पानी को वो नदियां मैदानों में उलीच देती हैं. इन मैदानों के आस-पास की ज़मीन बहुत खूबसूरत दिखाई देती है. इसकी हरी-भरी घाटियों में रहने वाले लोगों की भाषा और कल्चर की विविधता बाहर से आए लोगों को खुशी से चौंकाती है. यहां सफर करना पहले से थोड़ा आसान हुआ है, पर बहुत आसान अब भी नहीं है.
Source – The LallanTop