काशी विश्वनाथ मंदिर से जुड़ीं ये 5 बातें शायद ही जानते होंगे आप

वाराणसी में द्वादश ज्योतिर्लिंगों में प्रमुख काशी विश्वनाथ मंदिर की महिमा विश्व प्रसिद्ध है. यह मंदिर गंगा नदी के तट पर विद्यमान है. आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने निर्वाचन क्षेत्र काशी के दौरे पर थे और उन्होंने काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा की. यहां पहुंचकर प्रधानमंत्री मोदी ने दूसरी बार पीएम पद की शपथ लेने से पहले श्रीकाशी विश्वनाथ से राष्ट्र में शांति और समृद्धि का आशीर्वाद मांगा.

ऐसे में आइए जानते हैं विश्व प्रसिद्ध काशी विश्वनाथ मंदिर से जुड़ी ऐसी 5 बातें जिसके बारे में बहुत कम ही लोग जानते हैं.

काशी विश्वनाथ मंदिर से जुड़ी ऐसी 5 अनोखी बातें –

-काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग दो भागों में बंटा हुआ है. ज्योतिर्लिंग का दाहिने भाग में शक्ति के रूप में मां भगवती विराजमान हैं तो दूसरी तरफ भगवान शिव वाम रूप (सुंदर) रूप में विराजमान हैं. यही वजह है कि काशी को मुक्ति का धाम कहा जाता है.

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-काशी विश्वनाथ मंदिर में श्रृंगार के समय सारी मूर्तियां पश्चिम मुखी होती हैं. इस ज्योतिर्लिंग में शिव और शक्ति दोनों एक साथ ही विराजते हैं, जो बेहद अद्भुत है. बता दें, ऐसा दुनिया में कहीं और देखने को नहीं मिलता है.

-विश्वनाथ दरबार में गर्भ गृह का शिखर है. इसमें ऊपर की ओर गुंबद श्री यंत्र से मंडित है. तांत्रिक सिद्धि के लिए ये उपयुक्त स्थान माना जाता है. इसे श्री यंत्र-तंत्र साधना के लिए प्रमुख माना जाता है.

– बाबा विश्वनाथ के दरबार में तंत्र की दृष्टि से चार प्रमुख द्वार इस प्रकार हैं- शांति द्वार, कला द्वार, प्रतिष्ठा द्वार, निवृत्ति द्वार. इन चारों द्वारों का तंत्र में अलग ही स्थान है. पूरी दुनिया में ऐसी कोई जगह नहीं है जहां शिवशक्ति एक साथ विराजमान हों और वहां तंत्र द्वार भी मौजूद हो.

-बाबा विश्वनाथ काशी में गुरु और राजा के रूप में विराजमान है. वह दिनभर गुरु रूप में काशी में भ्रमण करते हैं. रात्रि नौ बजे जब बाबा का श्रृंगार आरती किया जाता है तो वह राज वेश में होते हैं. यही वजह है कि भगवान शिव को राजराजेश्वर भी कहा जाता है.

Source – Aaj Tak

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