फायदेमंद है डीप ब्रीदिंग, 5 मिनट की एक्सरसाइज से ही दूर होंगी कई बीमारियां

रोजमर्रा की भागदौड़ भरी जिंदगी में हम कई प्रकार के तनाव से गुजरते हैं। सोते-जागते, खाते-पीते हर समय दिमाग में कोई न कोई परेशानी या तनाव चलता ही रहता है। इसके चलते सिरदर्द, गर्दन में अकड़न, कमर का दर्द, मोटापा और थकान जैसी समस्याएं अक्सर हो जाती हैं। ऐसे में ब्रीदिंग एक्सरसाइज की मदद से दिमागी तनाव और अन्य समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है।
जब हम सांस लेते हैं तो इसके साथ हमारे शरीर में पहुंचने वाली ऑक्सीजन खून के माध्यम से शरीर की कोशिकाओं को पोषण देती है। ब्रीदिंग का महत्व सालों पहले भी प्राणायाम के रूप में बताया गया है। केवल गहरी सांस लेने और छोड़ने से ही हमें कई तरह के फायदे होते हैं।
ध्यान के दौरान डीप ब्रीदिंग का बड़ा महत्व है। डीप ब्रीदिंग के लिए सीधे बैठ जाएं और एक हाथ अपनी छाती पर रखें और दूसरा पेट पर। इसके बाद गहरी सांस लें और फिर धीरे-धीरे छोड़ें। यदि ब्रीदिंग सही तरीके से की जाए तो इससे कई फायदे मिलेंगे।
– रोजमर्रा के कामों के साथ भी कर सकते हैं ब्रीदिंग एक्सरसाइज।
– बहुत अधिक तनाव की स्थिति में ब्रीदिंग लेवल अचानक बढ़ जाता है, इसे कंट्रोल करने के लिए ये एक्सरसाइज करें।
– फिट रहने के लिए मुंह की बजाय हमेशा नाक से ही सांस लेनी चाहिए।
– चलते हुए भी ब्रीदिंग एक्सरसाइज की जा सकती है।
रिलैक्स मिलेगा: डीप ब्रीदिंग न सिर्फ शरीर को पूरी तरह रिलैक्स करेगी, बल्कि आपको मानसिक सुकून भी देगी।
डिटॉक्सीफिकेशन: ब्रीदिंग के जरिए शरीर के 70 प्रतिशत टॉक्सिंस बाहर निकल जाते हैं। इसे नियमित करें।
दर्द से निजात: डीप ब्रीदिंग से दर्द से भी राहत मिलती है। इसे प्राकृतिक पेन किलर के रूप में जाना जाता है।
खुशी मिलेगी: नियमित रूप से डीप ब्रीदिंग करने से ब्रेन में न्यूरोकेमिकल्स का प्रोडक्शन बढ़ता है, जो अंदर से खुश रखने में आपकी मदद करता है।
पोस्चर में सुधार: कुछ अध्ययन के मुताबिक, आपका बैड पोस्चर ब्रीदिंग में गड़बड़ी की वजह से होता है। यदि आप डीप ब्रीद करें तो इसमें निरंतर सुधार खुद देख पाएंगे।
दिल की सेहत अच्छी रहेगी: इसे लेकर भी कई शोध हुए, जिनमें सामने आया कि एक्सरसाइज से पहले डीप ब्रीदिंग करने से आप ज्यादा बेहतर तरीके से वर्कआउट कर पाएंगे। इससे दिल की कार्यक्षमता सुधरेगी और वजन भी घटेगा।
पाचन तंत्र बेहतर होगा: डीप ब्रीदिंग करते हुए ज्यादा ऑक्सीजन डाइजेस्टिव ऑर्गन्स में पहुंचती है। इससे आपका पाचन तंत्र बेहतर तरीके से काम कर पाएगा।
Source..bhaskar

Share

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *