फास्ट फूड और रेडी टु ईट फूड के इस ज़माने में युवाओं की ज़िंदगी भी इंस्टेंट होती जा रही है. स्थायित्व, भावनात्मक जुड़ाव, संवेदनाएं, समर्पण, धैर्य आदि उनके लिए बेकार की बातें हैं. ख़ुद को प्रैक्टिकल बताने वाली ये पीढ़ी मेहनती और स्मार्ट है इस बात में दो राय नहीं है, मगर ज़रूरत से ज़्यादा …