2 फ़रवरी 2018 की बात है. कमलजीत नाम का एक आदमी पंजाब से दिल्ली आया. दरअसल वो एक लड़की से मिलने आया था. पहली मुलाक़ात थी. कमलजीत को उसका नंबर शादी कराने वाली एक वेबसाइट से मिला था. दोनों ने पहले फ़ोन पर बात करनी शुरू की. कुछ महीने बाद मिलने का प्लान बना. कमलजीत गाड़ी लेकर दिल्ली आया था. जब लड़की उससे मिलने गई तो कमलजीत ने उसे कोल्ड ड्रिंक पिलाई. दरअसल कोल्ड ड्रिंक में नशे की दवाई मिली हुई थी. उसे पीने के बाद वो बेहोश हो गई. जब आंख खुली तो उसके शरीर पर कोई भी कपड़ा नहीं था. जब लड़की ने विरोध किया और शिकायत करने की बात कही, तो कमलजीत ने उसे कुछ तस्वीरें दिखाईं. तस्वीरें लड़की की थीं. कमलजीत ने कहा कि अगर उसने शिकायत की तो वो उन्हें इंटरनेट पर डाल देगा. लड़की ने डर के मारे इस घटना के बारे में किसी को नहीं बताया. इस चीज़ का फ़ायदा कमलजीत ने उठाया. उसने लड़की को अलग-अलग शहरों में बुलाना शुरू कर दिया. उसने लड़की को गोवा, मुंबई, और इंदौर जैसे शहरों में बुलाया. वहां उसका रेप किया. हाल-फ़िलहाल में कमलजीत ने लड़की को फिर से दिल्ली के एक होटल में बुलाया. जब लड़की ने कमलजीत को अपने घरवालों से मिलने को कहा तो उसने लड़की को बहुत मारा. इसके बाद लड़की ने हिम्मत करके अपने परिवार वालों को उसके बारे में बताया और पुलिस से शिकायत की.
ये अपनी तरह का कोई पहला केस नहीं है. ऐसा अक्सर हमें सुनने और पढ़ने में आता रहता है. कई लड़कियां ख़ुद की ऐसी सिचुएशन में पाती हैं. उन्हें समझ में नहीं आता वो क्या करें.
सबसे पहले तो वो ये जान लें कि चुप रहकर वो किसी की मदद नहीं कर रहीं. अपनी तो बिलकुल नहीं. अगर उनको ये डर है कि शिकायत के बाद उनकी तस्वीरें इंटरनेट पर डाल दी जाएंगीं तो वो ये जान लें. शोषण के बाद भी कोई गारंटी नहीं है कि उनकी तस्वीरें सुरक्षित रहेंगीं. वो सिर्फ़ तब ही हो सकता है जब पुलिस साइबर सेल की मदद से उन्हें इंटरनेट से डिलीट करवाए. और वो तभी मुमकिन है जब आप पुलिस से शिकायत करेंगीं.
अगर कोई आपकी अशील तस्वीरें इंटरनेट पर डालने की धमकी दे रहा है तो ये साइबर हरास्स्मेंट है. दो चीज़ें जान लीजिए.
1. अगर कोई भी व्यक्ति ऐसे शब्दों का इस्तेमाल करे, कोई ऐसी हरकत करे या ऐसा कोई भी ऐसा काम करे, जिससे किसी महिला के सम्मान को ठेस पहुंच रही हो, तो महिला आईपीसी (भारतीय दंड संहिता) की धारा 509 का इस्तेमाल कर सकती है. धारा 509 कहती है कि कोई शब्द, हरकत या इशारा जो औरत की इज्जत को ठेस पहुंचाती हो, वो अपराध है.
2. अगर कोई आपकी इंटरनेट पर बदनामी कर रहा है या कुछ ऐसा लिख रहा है जिससे आपको मानसिक परेशानी हो रही है, तो आप उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 499 के तहत केस दर्ज करा सकती हैं. धारा 499 के मुताबिक़: कोई शब्द, वाक्य, फोटो या वीडियो जिससे किसी व्यक्ति की बदनामी हो सके, उसे अगर लिखा या शेयर किया गया है, तो इसे अपराध में गिना जाएगा.
तब आप क्या करेंगीं
अगर आप किसी के खिलाफ साइबर क्राइम की शिकायत दर्ज कराना चाहती हैं, तो आपके पास दो रास्ते हैं:
1. आईपीसी और इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट के तहत आने वाले जुर्म के खिलाफ आप मामला दर्ज करा सकती हैं. इसके लिए आप अपने सबसे पास के पुलिस स्टेशन जाकर एक FIR करा सकती हैं. ये जरूरी नहीं है कि कि आप उसी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराएं, जिस इलाके में कोई घटना हुई हो.
शिकायत दर्ज कराने के लिए आप वकील की मदद भी ले सकती हैं, पर ये याद रहे कि एफआईआर करते वक्त आपको कुछ कागज़ात और जरूरी सूचना भी देनी पड़गी. जैसे- आपकी ईमेल आईडी, पता, नाम, नंबर और घर का पता.
अगर आपकी शिकायत वहां दर्ज नहीं की जा रही है, तो आप न्यायिक मजिस्ट्रेट या कमिश्नर को भी अर्जी लिख सकती हैं.
फिर क्या होगा?
अगर आपके शहर में साइबर क्राइम सेल नहीं है, तो आपको अपने नज़दीकी पुलिस स्टेशन में ही FIR दर्ज करानी होगी. अगर आपके शहर में साइबर सेल है, तो आपको साइबर क्राइम सेल के प्रमुख को एक लिखित शिकायत देनी होगी. इसमें आपको विस्तार से बताना होगा कि आपके साथ क्या-क्या हुआ. आपको अपना पूरा नाम, ईमेल आईडी और पूरा पता फोन नंबर के साथ देना होगा.
अगर आपके साथ जो हुआ, वो संज्ञेय अपराध है यानी गंभीर अपराध है, तो आपने जिसके खिलाफ शिकायत की है, उसे बिना वॉरंट ही गिरफ्तार किया जा सकता है. उसके बाद कार्रवाई शुरू होगी.
अगर आपके साथ जो हुआ, वो कानून असंज्ञेय अपराध है, यानी ऐसा अपराध जिसमें वॉरंट के बिना गिरफ्तारी नहीं हो सकती, तो पुलिस आरोपी को तुरंत गिरफ्तार नहीं कर सकती. पहले तहकीकात होगी. आपको कुछ सबूत जैसे मैसेज, तस्वीरें, ईमेल वगैरह साइबर सेल या पुलिस को देने होंगे. सारी जांच पड़ताल के बाद ही अपराधी अरेस्ट होगा.
अब अगर कोई इंसान आपकी तस्वीरें इंटरनेट पर डालने की धमकी देकर रेप कर रहा है तो आपको क्या करना चाहिए
रेप की शिकार हर लड़की के मन में ये सवाल आता है कि वो इसके बारे में किसी को बताए या न बताए. अपने साथ हुई इस दुर्घटना के बारे में अगर वो लड़की बताने का फैसला करती है, तो उसे बदनामी का डर सताता है. लेकिन इसी के साथ ये भी सवाल है कि अगर वो शिकायत नहीं करेगी, तो उसके अपराधी छूट जाएंगे. इसलिए रेप की शिकायत करना बहुत जरूरी है. रेप की शिकार किसी महिला को सबसे पहले अपने परिवार, दोस्त या किसी और करीबी को सूचित करना चाहिए, जिस पर वो भरोसा करती हो. यही इंसान पुलिस के लिए सबसे पहला गवाह बनता है, जो कोर्ट की कार्रवाई में भी आगे मदद करेगा.
रिपोर्ट कैसे दर्ज करवाएं
अपने किसी करीबी को सूचना देने के बाद पुलिस के पास एफआईआर दर्ज कराना होता है. एफआईआर दर्ज कराने के लिए महिला अपने साथ किसी करीबी को भी साथ ले जा सकती है. आमतौर पर एफआईआर उस इलाके की पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई जाती है, जहां घटना हुई हो. ये भी हो सकता है कि शिकायत दर्ज कराने के दौरान वहां का पुलिस इंस्पेक्टर थानाक्षेत्र का हवाला देते हुए, दूसरे पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराने को कहे. लेकिन भारत का संविधान ये अधिकार देता है कि किसी भी पुलिस स्टेशन में घटना से संबंधित जीरो एफआईआर दर्ज कराई जा सके. इसका मतलब है कि किसी भी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई जा सकती है और बाद में शिकायत संबंधित पुलिस स्टेशन में ट्रांस्फर कर दी जाएगी.
केस दर्ज होने के बाद क्या होता है?
एक बार केस दर्ज होने के बाद पुलिस सबूत के बिनाह तहकीकात शुरू करती है. इस दौरान जिस शख्स पर आरोप लगाया जाता है, उसकी पहचान करनी होती है. इसके लिए ये जरूरी नहीं है कि शिकायत करने वाली महिला को उस शख्स के सामने आना हो, फोटो से भी शिनाख्त होती है. आरोपी की पहचान के बाद उसे गिरफ्तार किया जाता है और उसका मेडिकल चेकअप किया जाता है. अगर इकट्ठा किए गए सैंपल आरोपी से मैच कर जाते हैं, तो केस पक्का हो जाता है.जो भी हो. चुप रहना आपको सिर्फ़ और गड्ढे में डालेगा. इसलिए चुप-चाप सहना बंद कीजिए.