हाइपरटेंशन या उच्च रक्तचाप, जिसे धमनी उच्च रक्तचाप भी कहते हैं, एक पुरानी चिकित्सीय स्थिति है जिसमें धमनियों में रक्त का दबाव बढ़ जाता है। इस दबाव की वजह से धमनियों में रक्त का प्रवाह बनाए रखने के लिये दिल को सामान्य से अधिक काम करने की आवश्यकता पड़ती है। रक्तचाप में दो माप शामिल होती हैं, सिस्टोलिक और डायस्टोलिक, जो इस बात पर निर्भर करती है कि हृदय की मांसपेशियों में संकुचन हो रहा है या धड़कनों के बीच में तनाव मुक्तता हो रही है। आमतौर पर 140/90 से ऊपर के रक्तचाप को अति तनाव (हाइपरटेंशन) कहा जाता है। अगर दबाव 180/120 से ऊपर है तो ये खतरनाक माना जाता है। उच्च रक्तचाप का कोई लक्षण नहीं होता। समय के साथ अगर इसका इलाज न हो, तो इससे स्वास्थ्य संबंधी कठिनाइयां जैसे हृदयरोग और स्ट्रोक हो सकते हैं। इस वीडियो में हम आपको बताएंगे हाइपरटेंशन के कुछ आयुर्वेदिक उपचारों के बारे में।

हाई ब्लड प्रेशर के आयुर्वेदिक उपचार

1. इससे निजात पाने के लिए अर्जुन का क्षीरपाक इस्तेमाल कर सकते हैं। क्षीरपाक बनाने के लिए अर्जुन की छाल का 10 ग्राम चूर्ण, 100 मिली दूध और100 मिली पानी लेते हैं। फिर इसे पकाते हैं, जब सिर्फ दूध बच जाए, मतलब सिर्फ 100 मिली रह जाए तब इसे आंच से उतार कर, ठंडा करके, छान कर इसे पीते हैं।

2. इसके अलावा लहसुन की दो या तीन कलियों को सुबह खाली पेट पानी के साथ चबाकर खाना चाहिए। चबाने में दिक्कत हो तो लहसुन के रस की 5-6 बूंद 20 मिली पानी में मिलाकर ले सकते हैं।

3. मेथी और अजवाइन के पानी का प्रयोग भी किया जा सकता है। इसके लिए एक चम्मच मेथी और अजवाइन पाउडर को पानी में भिगोएं और सुबह इस पानी को पी लें।

4. इसी तरह से त्रिफला के पानी का प्रयोग भी कर सकते हैं। 20 ग्राम त्रिफला को रात में पानी में भिगो दें और सुबह पानी को सुबह निथारकर दो चम्मच शहद मिलाकर पीने से हाइपरटेंशन में फायदा मिलता है।

क्या करें, क्या न करें

अब हम बात करेंगे हाइपरटेंशन या उच्च रक्तचाप के रोगियों को क्या करना चाहिए और क्या नहीं, इसके बारे में।

1. सबसे जरूरी है एक शेड्यूल बनाना। सोने से लेकर उठने, एक्सरसाइजिंग और योग हर एक चीज़ का समय निर्धारित करें|

2. हाइपरटेंशन के रोगियों को रोजाना या हफ्ते में तीन से चार बार पूरे शरीर पर तेल से मालिश करनी चाहिए।

3. हाइपरटेंशन की सबसे बड़ी वजह है तनाव जिसे दूर करने के लिए योग और प्राणायाम सबसे अचूक उपाय हैं।ताड़ासन, पवनमुक्तासन,शलभासन और योगनिद्रा के अलावा भ्रामरी, अनुलोम-विलोम का प्रयोग भी कर सकते हैं। अगर हम ॐ का जप करते हैं तो इससे भी बहुत फायदा मिलता है।

4. अब हम बात करते हैं आहार की। उच्च रक्त चाप वाले व्यक्तियों को कम नमक वाली चीज़ें ही खाना चाहिए।हो सके तो सेंधा नमक का प्रयोग करें।

5. दूध में हल्दी और दालचीनी का प्रयोग करने से लाभ मिलता है।

6. भोजन में लहसुन की मात्रा बढ़ाएं।

7. खाने में सब्ज़ियों और फलों की मात्रा बढ़ाएं। लगभग सारी हरी सब्ज़ियां और मौसमी फलों फायदेमंद होते हैं। 8. छाछ और दूध के साथ ही नारियल पानी को भी अपनी डाइट में शामिल करें।

9. ड्रायफ्रूट्स जैसे अखरोट, बादाम, अंजीर, किशमिश खाना भी फायदेमंद रहेगा।

इन चीज़ों से बचें

हाइपरटेंशन के रोगियों को चिंता, भय और क्रोध से खुद को बचाना है।

डिब्बा बंद, बासी, ज़्यादा तला हुआ, मिर्च-मसालेदार, ज्यादा नमक वाला खाना और दही का सेवन नहीं करना चाहिए।

Source – Jagran

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