जरा सोचकर देखिए अगर आपके ऑफिस में आपको हफ्ते में 4 दिन काम करना पड़े और 3 दिन को ऑफ मिले तो कैसा लगेगा…? क्यों मजा आएगा न? भारत में ऐसा कब होगा इसके बारे में हम आपको जानकारी नहीं दे सकते, लेकिन उन देशों के बारे में बताते हैं जहां ऑफिस में कर्मचारियों को सिर्फ हफ्ते में 4 दिन काम करना पड़ता है और 3 दिन की छुट्टी मिलती है. जानते हैं उन देशों के बारे में…
आपको बता दें, इंग्लैंड के प्लाईमाउथ स्थित Plymouth legal company ने चार दिन के वर्किंग डे का शेड्यूल लागू किया. अब इस कंपनी के स्टाफ हफ्ते के सात दिन में केवल चार दिन ही काम करेंगे. इस योजना के पीछे कंपनी के बॉस का कहना है कि कम छुट्टियों की वजह से उनकी कंपनी के स्टाफ और ग्राहक खुश नहीं थे. इसलिए उन्होंने तीन दिन ऑफ देने का फैसला लिया है. आपको बता दें, इंग्लैंड के अलावा और भी ऐसे देश हैं जहां हफ्ते में चार दिन का वर्किंग डे होता है.
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नीदरलैंड
नीदरलैंड में सप्ताह के सात दिनों में चार दिन का वर्क डे होता है. यहां एक कर्मचारी पूरे सप्ताह में कुल 29 घंटे काम करते हैं. इनका सालाना वेतन 47,000 डॉलर (32,60,860 रुपए) हैं. दरअसल, साल 2000 में यहां एक डच लॉ पास हुआ था जिसके अनुसार कोई भी कर्मचारी अपने ऑफिस घंटों को कम कर उसके बदले कहीं पार्ट टाइम जॉब कर सकता है. इससे वे घंटे के हिसाब से पैसे कमा सकते हैं.
डेनमार्क
डेनमार्क में सप्ताह में काम करने का औसत समय 33 घंटे का है. यहां एक व्यक्ति की सालाना कमाई 46,000 डॉलर (31,91,480 रूपए) हैं. डेनमार्क में लोगों का शेड्यूल फलेक्सिबल है.
नॉर्वे
नॉर्वे में भी 33 घंटे प्रति सप्ताह काम करने की औसत अवधि है. यहां प्रति व्यक्ति की कमाई 44000 डॉलर (30,52,720 रुपए) है. नॉर्वे के लेबर लॉ के अनुसार यहां के वर्कर्स को 21 दिन का पेड वेकेशन मिलता है.
आयरलैंड
आयरलैंड में सप्ताह में 34 घंटे का वर्क आर शेड्यूल है. यहां प्रति व्यक्ति की 51000 डॉलर (35,38,380) की सालाना कमाई होती है. आयरलैंड में 1983 के दौरान 44 घंटे काम करने का कानून था जिसमें 10 घंटे का बदलाव किया गया.
जर्मनी
जर्मनी के लोग 35 घंटे काम करते हैं. उनकी सालाना इनकम 40,000 डॉलर (27,75,200 रुपए) है. 2017 के एक रिपोर्ट के अनुसार 2017 में जर्मनी के 5 फीसदी लोग बेरोजगार थे.
पिछले साल न्यूजीलैंड के कॉरपोरेट ट्रस्टी कंपनी पर्पेचुअल गार्जियन ने भी चार दिन के वर्किंग डे वाले नियम को अपनाया है. 2015 में स्वीडन के एक लोकल ऑथोरिटी ने सप्ताह में 6 घंटे काम का ट्रायल किया था, जिसमें 91 फीसदी कर्मचारी खुश थे और 64 फीसदी कर्मचारी ने इसे बेहतर बताया था.
Source – Aaj Tak
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