जब ए मेरे वतन.. गाना सुनकर शख्स ने पंकज उधास को दिए थे 51 रुपये

संगीत की दुनिया में पंकज उधास का जाना माना नाम है. देश ही नहीं विदेशों में भी उनकी गजल गायिकी के लाखों कायल हैं. उनके गजल कानों को सुकून देने वाले होते हैं. आज पंकज उधास का जन्मदिन है. उनका जन्म 7 मई 1951 को गुजरात के राजकोट के पास जेटपुर में एक गुजराती परिवार में हुआ था.

पंकज ने महज 7 साल की उम्र में गाना शुरू किया था. उनके भाई मनहर उधास भी जाने-माने पार्श्वगायक हैं. घर में शुरुआत से ही संगीत का माहौल था. यही वजह थी कि पंकज की बचपन से ही इसी में रुचि बढ़ने लगी और वो गजल सम्राट बन गए. पंकज की गायिकी के शौक को उनके बड़े भाई मनहर उधास ने पहचान लिया था. उस दौरान उन्होंने पंकज को प्रोत्साहित किया.

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इसके बाद वे पंकज को अपने साथ स्टेज शो पर भी ले जाने लगे. रिपोर्ट्स के मुताबिक एक कार्यक्रम में पंकज को गाने का अवसर मिला. उस दौरान भारत और चीन के युद्ध हुआ था. पंकज ने ”ऐ मेरे वतन के लोगों” गाना गाया. बताया जाता है कि पंकज ने उस दिन अपनी आवाज का जादू ऐसा बिखेरा था कि लोगों की आंखें नम हो गई थी. उस वक्त ऑडियंस में बैठा हर इंसान का पंकज की आवाज से युद्ध के दर्द को महसूस कर रहा था.

इस दौरान एक और दिलचस्प घटना हुई थी. दरअसल, इस गाने को सुनकर ऑडियंस में से उठकर एक व्यक्ति ने पंकज उधास को 51 रुपये दिए थे. पंकज बहार आने तक, थानेदार, साजन, दिल आश्ना है, गंगा जमुना सरस्वती, फिर तेरी कहानी याद आई, ये दिल्लगी, मोहरा जैसी फिल्मों में अपनी आवाज का जादू बिखेर चुके हैं. उनके गजल को हर एज ग्रुप के लोग सुनना पसंद करते हैं.

https://youtu.be/uROx4n58GJs

Source – Aaj Tak

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