90 के दशक में एक शो आता था. स्वाभिमान. इस शो में ‘स्वेतलाना’ नाम का एक कैरेक्टर था. एकदम जिंदादिल लड़की का. सलवार कमीज या साड़ी नहीं मॉडर्न कपड़े पहनती थी. उसका हेयर स्टाइल उस दौर में काफी फेमस था. प्रॉपर्टी केस लड़ती है और अपना घर वापस हासिल करती है. ये रोल प्ले किया था किटू गिडवानी ने.
95-96 के दौर में टीवी देखने वाले लोगों को किटू गिडवानी का नाम भले ही न मालूम हो लेकिन स्वेतलाना का नाम उन्हें मालूम होता था. दूरदर्शन के दौर में किटू ने स्वाभिमान के अलावा ‘एयरहॉस्टेस’ और ‘जुनून’ जैसे टीवी शो में काम किया है. अब फिल्मों में एक्टिव हैं. ‘फैशन’, ‘जाने तू या जाने न’ और ‘स्टूडेंट ऑफ द ईयर’ जैसी फिल्मों में नजर आ चुकी हैं.
किटू ने हाल में टाइम्स ऑफ इंडिया को एक इंटरव्यू दिया. उनसे आजकल के सीरियल के बारे में पूछा गया. उन्होंने कहा कि आज सिर्फ सास-बहू के सीरियल की भरमार है. 2000 से पहले टीवी की औरतें किचन और पल्लू तक सिमटी नहीं थीं. उनके लिए दमदार किरदार लिखे जाते थे.
किटू कहती हैं, “मैं अब टीवी नहीं देखती. शायद अब भी सीरियल में कुछ दमदार कैरेक्टर लिखे जाते हों. लेकिन मैं सास-बहू के कैरेक्टर कॉन्सेप्ट को दमदार नहीं मानती. 2000 से पहले हमने काफी सॉलिड रोल किए हैं. हमारे कैरेक्टर में करने के लिए बहुत कुछ होता था. वैरायटी थी. लेकिन 2000 के बाद सीरियल बदल गए. टीवी में लीड किरदार निभाने वाली एक्ट्रेसेस किचन के अंदर ही रह गईं. पल्लू रखे जाने लगे. ये काफी रूढ़िवादी सोच को दिखाता है.”
आज के टीवी ट्रेंड पर कहती हैं, “पहले ‘शांति’, ‘औरत’, ‘तारा’, ‘तमस’ और ‘ये जो जिंदगी है’ जैसे सीरियल आते थे. ‘रजनी’ और ‘तारा’ जैसे कैरेक्टर लिखे जाते थे. अब ऐसे सीरियल कहां देखने को मिलते हैं. मैंने 15 सालों से कोई सीरियल नहीं किया. और तब तक नहीं करूंगी जब तक कोई खास कैरेक्टर नहीं लिखा जाता. सीरियल ‘ये उन दिनों की बात है, कैमियो रोल की वजह से किया. और मेरा कैरेक्टर भी खास था.”
दरअसल, साल 2000 में टीवी पर ‘…क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ और ‘कहानी घर-घर की’ जैसे सीरियल्स आने शुरू हुए. इन सीरियल्स की मुख्य किरदार ‘तुलसी’ और ‘पार्वती’ काफी फेमस हुए. दोनों को पूरे देश में बहुओं और मांओं के लिए मिसाल के तौर पर देखा जाने लगा. इनके बाद जितने भी सीरियल्स आए उनमें लीड किरदारों को तुलसी और पार्वती के सांचे में ही ढालने की कोशिश की गई. और ये सिलसिला आज भी जारी है.
Source – Odd nari
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