कैंसर के मरीजों में शरीर द्रव्यमान सूचकांक (बॉडी मास) में कमी से निपटने में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन से इलाज प्रभावी हो सकता है और इससे जीवन की गुणवत्ता में सुधार हो सकता है. एक शोध में पता चला है. कैंसर से जुड़ी करीब 20 फीसदी मौतें कैचेक्सिया सिंड्रोम की वजह से होती है, जिसमें कैंसर मरीजों में अक्सर वसा और कंकाल की मांसपेशियों की तेज गति से क्षरण होता है.
अमेरिका की टेक्सास विश्वविद्यालय की चिकित्सा शाखा की मेलिंडा शेफील्ड-मूरे ने कहा, “हम उम्मीद के साथ बताना चाहते हैं कि ये मरीज जो अपने बिस्तर से उठ पाने में सहज नहीं महसूस करते कम से कम वे जीवन की मूल गुणवत्ता पाने में समर्थ होंगे, जिससे कि वह अपना ख्याल रखें और इलाज प्राप्त करें.”
उन्होंने कहा कि पहले पोषण आधारित उपचार मरीजों के शरीर के वजन घटने से रोकने में विफल रहा.
Source – NDTV
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