लोग जैसे-जैसे उम्रदराज होते जाते हैं, उनमें अपनी गलतियों को महसूस करने और इन्हें स्वीकार करने की क्षमता कम होती जाती है. एक नए अध्ययन में यह बात सामने आई है जो वृद्धों द्वारा लिए जाने वाले फैसलों और उनके कार्यो को समझने में मदद करता है.
अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ इओवा के सहायक अध्यापक जैन वेसल ने कहा कि अपनी गलतियों को कम समझने के परिणाम गंभीर हो सकते हैं, क्योंकि आप ऐसी गलती को ठीक नहीं कर सकते जिसे आप महसूस ही नहीं करते.
इस शोध के लिए अध्ययनकर्ताओं ने 22 साल की उम्र के 38 लोगों और 68 साल की उम्र के 39 लोगों का आंकलन किया था जिसके लिए सभी लोगों की एक परीक्षा ली गई. इस परीक्षा में कंप्यूटर स्क्रीन पर एक बॉक्स में एक गोले को देखना था.
इस अध्ययन के दौरान बुजुर्गो ने युवाओं की तरह ही अच्छा प्रदर्शन किया. लेकिन उनकी तुलना में अधिकांश युवाओं ने स्वीकार किया कि वे कई बार वस्तु को देखने में असफल रहे हैं. इस दौरान उम्रदराज इस बात पर दृढ़ रहे है कि उन्होंने परीक्षा के दौरान कोई गलती नहीं की.
वेसल कहते हैं, “अच्छी बात है कि अधिक उम्र के लोगों ने भी युवाओं की तरह ही अच्छा प्रदर्शन किया हालांकि उनकी गति थोड़ी धीमी थी. लेकिन वह यह स्वीकार करने में युवाओं से पीछे रहे कि उनसे कोई गलती हुई है.”
शोध ‘न्यूरोबॉयोलॉजी ऑफ एजिंग’ पत्रिका में प्रकाशित हुआ है.
Source – NDTV
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