अकेले घूमने के शौकिन हैं या पहली बार अकेले बाहर जा रहे हैं दोनों के ही लिए सही डेस्टिनेशन चुनना सबसे जरूरी और मुश्किल टॉस्क होता है। इंटरनेट पर मौजूद ऑप्शन्स जहां कई बार मदद करते हैं तो वहीं कई बार कन्फ्यूज भी। सबसे पहले तो इस बात को जान लेना जरूरी है कि सोलो ट्रिप पर बिना किसी एक्सपीरियंस के निकले हैं तो 2-3 दिनों से ज्यादा का प्लान न बनाएं। ऐसे में उत्तराखंड और हिमाचल में कई सारी जगहें हैं जिन्हें 2 से 3 दिनों में कवर किया जा सकता है।

हिमाचल में मैकलोडगंज उन्हीं गिने-चुने डेस्टिनेशन्स में से एक है। यहां घूमने के लिए बहुत सारी जगहें हैं। और सोलो ट्रैवलर्स की तो ये फेवरेट जगह है क्योंकि यहां ट्रैकिंग से लेकर बौद्ध कल्चर हर एक का एक्सपीरियंस लिया जा सकता है।

मैकलोडगंज में घूमने वाली जगहें

त्रिउंड ट्रैक

ट्रैकिंग पसंद है तो मैकलोडगंज में त्रिउंड ट्रैक का एक्सपीरियंस जरूर लें। जाने का रास्ता आसान नहीं लेकिन ऊंचाई पर पहुंचकर आसपास के नजारे ट्रैकिंग के दौरान हुई सारी थकान को मिटा देंगे।

मसरूर टैंपल

8वीं सदी में बना ये हिंदू मंदिर मैकलोडगंज के खूबसूरत धार्मिक जगहों में से एक है। 15 रॉक-कट टैंपल हैं जो देखने में काफी कुछ एलोरा जैसे हैं। यहां तक पहुंचने का रास्ता भी बहुत ही खूबसूरत है।

भागसू फॉल

चारों ओर हरी-भरी पहाड़ियां और उनके बीच से गिरते हुए झरने का दृश्य पेंटिग्स और किताबों के अलावा मेकलोडगंज में भी देखने को मिल जाएगा। जी हां, भागसू फॉल बिल्कुल ऐसी ही जगह है। सीढ़ियों से चढ़ते हुए झरने के नज़दीक तक पहुंचा जा सकता है। जहां आसपास बैठने और रिलैक्स करने के लिए काफी सारे ऑप्शन्स हैं।

नेचुंग मोनेस्ट्री

मैकलोडगंज जाकर यहां की खूबसूरत मोनेस्ट्री नहीं देखी तो समझ लीजिए बहुत कुछ मिस कर दिया। बौद्ध कल्चर को देखने, समझने और जानने के इच्छुक हैं तो यहां आएं। वैसे घूमने के लिहाज से भी ये मोनेस्ट्री अच्छी जगह है।

सनसेट प्वाइंट

ढलते सूरज के खूबसूरत नजारे को देखने के लिए नादी गांव जाएं। नेचर लवर्स और फोटोग्राफर्स की तो ये फेवरेट जगह है।

इंद्राहार पास

ऑफबीट जगहों पर घूमने का शौक रखते हैं तो इंद्राहार पास अच्छी जगह है। 4342 मीटर की ऊंचाई वाली इस जगह की ट्रैकिंग अच्छा एक्सपीरियंस साबित होगी।

विपासना मेडिटेशन सेंटर

ट्रिप से कुछ वक्त निकालकर धर्मकोट के विपासना मेडिटेशन सेंटर जरूर जाएं। हिमालय के पहाड़ों पर बसी ये जगह माइड को रिलैक्स करने के लिए बेहतरीन है।

महाराणा प्रताप सागर लेक

इसे पोंग डम लेक के नाम से भी जानते हैं। जो एक आर्टिफिशियल लेक है। जिसमें बोटिंग और फिशिंग को एन्जॉय कर सकते हैं। साथ ही आसपास पहाड़ और जंगलों की वजह से यहां कई तरह के पक्षी भी देखने को मिल जाएंगे।

कब जाएं

सितंबर से लेकर जून तक कभी भी मैकलोडगंज घूमने की प्लानिंग की जा सकती है। दिसंबर से मार्च के बीच यहां बहुत ठंडा पड़ती है। अप्रैल से जून का महीना घूमने के लिए बेस्ट होता है।

कैसे जाएं

मेकलोडगंज और धर्मशाला के लिए आपको आसानी से एसी और नॉन एसी बसों की सुविधा मिल जाएंगी।

सोलो ट्रैवलर्स के लिए जरूरी टिप्स

ट्रैकिंग पर जाते समय जितना हो सके कम सामान कैरी करें जिससे आप ट्रैकिंग को एन्जॉय कर सकें।

अपने साथ पानी की बॉटल्स और खाने-पीने की चीज़ें जरूर कैरी करें। वैसे तो यहां बीच में कई जगहों पर रूककर चाय, मैगी, ऑमलेट खा सकते हैं लेकिन बेहतर होगा कि कुछ स्नैक्स अपने साथ भी कैरी करें।

ट्रैकिंग के दौरान जूते पहनें और ऐसे आउटफिट्स कैरी करें जो लाइट होने के साथ ही बदलते मौसम के लिहाज से भी सही हों।

Source – Jagran

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