कर्नाटक के दाएं हाथ के बल्‍लेबाज मयंक अग्रवाल (Mayank Agarwal) ने मेलबर्न टेस्‍ट ( Melbourne Test) में टीम इंडिया की प्‍लेइंग इलेवन में मिले स्‍थान का भरपूर फायदा उठाया. उन्‍होंने बॉक्सिंग डे टेस्‍ट (Boxing Day Test)के पहले दिन ऑस्‍ट्रेलिया (India vs Australia)के खिलाफ 76 रन की बेहतरीन पारी खेली. इस सीरीज के पहले दो टेस्‍ट के दौरान जहां मुरली विजय और केएल राहुल जैसे स्‍थापित ओपनर बल्‍लेबाज ऑस्‍ट्रेलियाई मैदानों पर संघर्ष करते हुए नजर आए थे, वहीं मयंक ने विपक्षी गेंदबाजों को बेहद आसानी से खेला. 27 साल के इस क्रिकेटर ने अपनी पारी के दौरान आठ चौके और एक छक्‍का लगाया. वे तेज गेंदबाज पैट कमिंस की गेंद पर विकेटकीपर टिम पेन के हाथों कैच आउट हुए. मयंक अपने डेब्‍यू टेस्‍ट की पहली पारी में शतक तो नहीं बना सके लेकिन इस दौरान उन्‍होंने एक रिकॉर्ड अपने नाम किया. 76 रन की पारी खेलकर मयंक ऑस्‍ट्रेलियाई मैदान पर डेब्‍यू टेस्‍ट में सबसे अधिक रन बनाने वाले भारतीय बल्‍लेबाज बन गए हैं. पिछला रिकॉर्ड दत्तू फड़कर के नाम पर था जिन्‍होंने वर्ष 1947 में ऑस्‍ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी में खेले गए टेस्‍ट मैच में 51 रन बनाए थे.

प्रथम श्रेणी क्रिकेट में मयंक अग्रवाल (Mayank Agarwal) का रिकॉर्ड बेहद शानदार रहा है. उन्‍होंने अब तक प्रथम श्रेणी के 46 मैच खेलकर 3599 रन बनाए थे. इस दौरान नाबाद 304 रन मयंक का सर्वोच्‍च स्‍कोर रहा है. प्रथम श्रेणी क्रिकेट में आठ शतक बेंगलुरू के इस बल्‍लेबाज के नाम पर दर्ज हैं. मयंक लिस्‍ट ए के 75 मैच खेल चुके हैं, इन मैचों में भी उनका औसत बेहद प्रभावी है. लिस्‍ट ए के मैचों में उन्‍होंने 48.71 के औसत से 3606 रन बनाए हैं, जिसमें 12 शतक और 14 अर्धशतक हैं. वे 111 टी20 मैच भी खेल चुके हैं.

इंडियन प्रीमियर लीग (IPL)में मयंक दिल्‍ली डेयरडेविल्‍स, राइजिंग पुणे सुपरजाइंट्स और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू जैसी टीमों का प्रतिनिधित्‍व कर चुके हैं. मयंक अग्रवाल का छवि आक्रामक अंदाज में बैटिंग करने वाले खिलाड़ी के रूप में है. उनके कोच इरफान सैत ने उन्‍हें टीम इंडिया के पूर्व ओपनर वीरेंद्र सहवाग की तरह का बल्‍लेबाज बताया है.मयंक के कोच इरफान सैत ने मेलबर्न टेस्‍ट में डेब्‍यू करने वाले मयंक से शानदार पारी की उम्‍मीद जताई थी और इस बल्‍लेबाज ने अपने ‘गुरु’ को निराश नहीं किया. सैत के अनुसार, मयंक में वीरेन्द्र सहवाग के सभी अच्छे लक्षण हैं, बस वह सहवाग की तरह अपना विकेट नहीं गवांते. इरफान सैत ने कहा, ‘मयंक कभी भी लापरवाही भरा रवैया नहीं अपनाते. वह काफी गंभीर खिलाड़ी हैं.’ कोच ने कहा कि मयंक में सलामी बल्लेबाज के सभी गुण हैं जिसमें वह गेंद को बल्ले पर आने देते है और कट तथा पुल शॉट कुशलता से खेलते हैं.मयंक ने रणजी ट्रॉफी के पिछले सत्र में एक तिहरा शतक लगाने के साथ तीन शतकीय पारियां खेली थी. इस दौरान उन्होंने 76.46 के औसत से 1003 रन बनाए थे.

Source – NDTV

   
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