हमारे देश में आयुर्वेद चिकित्सा व नेचुरोपैथी को बहुत महत्व दिया जाता रहा है. इसमें फूल-पत्तियों, पेड़-पौधों, जड़ों आदि से भी इलाज किया जाता है. विभिन्न बीमारियों में इन सब का बख़ूबी इस्तेमाल किया जाता है.
* गुलाब की पत्तियां दूध में उबालकर उस दूध का नियमित सेवन करें. इसके निरंतर प्रयोग से कब्ज़ की शिकायत दूर होती है.
* गुड़हल के लाल फूलों का सेवन भी हृदय रोग एवं डायबिटीज़ में फ़ायदेमंद होता है.
* गेंदे की पत्तियों का रस कान में डालने से कान के दर्द में आराम मिलता है.
* हरसिंगार की पत्तियों को पीसकर दाद-खाज, खुजली पर लगाने से इन सभी समस्याओं का समाधान होता है.
* चमेली की पत्तियां चबाने से मुंह के छाले दूर हो जाते हैं.
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* सुबह-सवेरे चमेली के फूलों को आंखों पर रखने से आंखों की रोशनी बढ़ती है.
* चंपा, चमेली और जूही के फूलों को नारियल के तेल में उबालकर रखें. इस तेल से मालिश करने से शरीर में चुस्ती-फुर्ती आती है. इस तेल से सिर पर मालिश करने से बाल भी कोमल व काले बने रहते हैं.
* जोड़ों के दर्द में धतूरे, आक का पत्ता और एरंडी (कैस्टर) के हरे पत्ते- तीनों का रस निकालकर मिक्स करके जोड़ों पर लगाएं. जोड़ों के दर्द में आराम होगा.
* सूर्यमुखी के फूलों को नारियल के तेल में मिलाकर कुछ दिनों तक धूप में रखें. इस तेल से शरीर की मालिश करें. त्वचा संबंधी बीमारियां नहीं होंगी.
* नीम-बेल के 5 पत्ते रोज़ खाने से भी मधुमेह के मरीज़ को लाभ होता है.
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* कनेर के फूल की महक से मूर्च्छा की बीमारी नहीं होती.
* जूही के पत्तों को चबाकर देर तक रस मुंह में रखें, बाद में थूक दें. दांत का दर्द, मसूड़ों की सूजन आदि दांतों की समस्या दूर होती है.
* ऐलोवीरा का पत्ता लेकर इसका गूदा निकाल लें. अब घी में जीरे व हींग से छौंक लगाकर नमक, कालीमिर्च डालकर सब्ज़ी बनाकर खाएं. इससे जोड़ों का दर्द कम हो जाता है. यदि नियमित रूप से सेवन करें, तो दर्द ख़त्म भी हो सकता है.
* गर्मी के बुख़ार में गेंदे के फूलों के रस का सेवन एक-एक चम्मच सुबह-शाम शहद के साथ सात दिन तक लगातार करने से बुख़ार दूर हो जाता है और मरीज़ भी स्वस्थ हो जाता है.
* लू लगनेवाले मरीज़ों के लिए गुलाबजल व गुलाब का शर्बत अमृत का काम करता है. उन्हें एक ग्लास गुलाब का शर्बत देने से लू का असर कम हो जाता है. यदि मरीज़ दिन में तीन बार गुलाब के शर्बत का सेवन करें, तो लू का असर ख़त्म हो जाता है.
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* एलोवीरा की पत्तियों से निकलनेवाला रस त्वचा की बीमारियों, जलने और सनबर्न में लाभदायक है. साथ ही यह त्वचा को नमी देता है.
सुपर टिप
नीम के फूलों को पीसकर पेस्ट बनाकर फोड़े-फुंसी पर रखने से जलन व गर्मी दूर होती है. इनको शरीर पर मलकर स्नान करने से दाद दूर होता है. फूलों को पीसकर पानी में घोलकर, छानकर उसमें शहद मिलाकर पीने से वज़न कम होता है व रक्त भी साफ़ होता है.
Source-Meri saheli
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