मंत्रों का हेल्थ कनेक्शन

कभी भी आपके ज़ेहन में यह बात आई है कि मंत्रों का क्या और कितना महत्व है? मंत्रों की शक्ति और उनके हेल्थ बेनिफिट्स के बारे में अक्सर हम सुनते रहते हैं, लेकिन शायद ही कभी हमने हेल्थ और मंत्र के साइंटिफिक कनेक्शन को जानने की कोशिश की हो. अगर हम मंत्रों के हेल्थ कनेक्शन को जान जाएंगे, तो ज़ाहिर है उन्हें बेहतर तरी़के से अपने जीवन में अपनाकर हेल्दी और बेहतर ज़िंदगी जी सकेंगे.

साउंड इज़ पावर
– मंत्र दरअसल साउंड यानी ध्वनि होते हैं और विज्ञान कहता है, ध्वनि ऊर्जा के सिवा कुछ नहीं है. यानी मंत्र का सीधा मतलब है- एनर्जी. मंत्र जप करने का अर्थ है शक्ति के विभिन्न स्तर को महसूस करना.
– एक ही ध्वनि अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग परिणाम देती है. विज्ञान यह भी कहता है कि मनुष्य शरीर ऊर्जा का एक घना रूप है. जब किसी ख़ास मंत्र का ख़ास उद्देश्य के लिए जाप किया जाए, तो शरीर की एनर्जी को बेहतर व पूर्ण रूप से महसूस किया जा सकता है.
विज्ञान और मंत्र
– मंत्र किस तरह से हमारे जीवन व हेल्थ को प्रभावित करते हैं, इसका वर्णन वेदों में हज़ारों वर्ष पूर्व ही किया गया है. लेकिन इसके वैज्ञानिक आधार की खोज अब तक जारी थी. मंत्र और साइंस में बहुत ही गहरा कनेक्शन है.
– मंत्रों की एक निश्‍चित फ्रिक्वेंसी होती है. मंत्रों के नियमित जाप से हमारे शरीर के नर्वस सिस्टम में एक रिदम में दबाव यानी प्रेशर पैदा होता है, जिससे हमारे चक्र जाग जाते हैं और शरीर एवं मस्तिष्क में एनर्जी पैदा होती है.
– मंत्रों के उच्चारण से जो फ्रिक्वेंसी पैदा होती है, उसका सकारात्मक असर हमारे शरीर व मन पर पड़ता है, साथ ही मंत्रों को लगातार पढ़ने से जीभ व तालु में जो संपर्क होता है, ॐ के उच्चारण के व़क्त जो ध्वनि नाभि से आती है, उन सबका असर शरीर के प्रेशर पॉइंट्स पर पड़ता है, जिससे हम हेल्दी और एनर्जेटिक महसूस करते हैं.
– मंत्रों का साइंटिफिक कनेक्शन इसी बात से साबित होता है कि हाल ही में नासा ने सूर्य की ध्वनि को यूनिवर्स में रिकॉर्ड करके उसे कंप्रेस किया, ताकि हम उसे सुन सकें. सुनने पर यह पूरी तरह से साबित हो गया कि यह ध्वनि ठीक वही मंत्र है, जिसका वर्णन वेदों में हज़ारों वर्ष पूर्व किया गया है और यह मंत्र है- ॐ जिसे लगातार सुनने पर एक विशेष प्रकार का कंपन महसूस होता है यानी नासा ने अब इस मान्यता की पुष्टि कर दी है कि मंत्रों का हमारे मन-मस्तिष्क पर कितना गहरा प्रभाव पड़ता है.
– ओहायो यूनिवर्सिटी के शोध के मुताबिक भी यह साबित हुआ है कि ध्यान यानी डीप मेडिटेशन से लोगों की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. यही नहीं, जो लोग रोज़ाना ध्यान करते हैं, उन्हें ब्रेस्ट कैंसर का ख़तरा भी कम हो जाता है, साथ ही मांसपेशियों के दर्द से भी राहत मिलती है.
– शोधों में भी यह पाया गया कि कई मरीज़ों पर मंत्र के काफ़ी सकारात्मक नतीजे देखने को मिलते हैं. साउंड व मंत्रों पर किए गए रिसर्च से यह पता चलता है कि निश्‍चित साउंड फ्रिक्वेंसी हमारे माइंड को विशेष प्रकार की आरामदायक परिस्थिति में पहुंचा देती हैं, जिसे वैज्ञानिक भाषा में अल्फा स्टेट कहा जाता है.
– ध्वनि की शक्ति अपार है. ध्वनि से बड़ी-बड़ी इमारतें, पुल और यहां तक कि इंसान का तंत्रिका तंत्र यानी नर्वस सिस्टम तक प्रभावित हो सकता है. जैसेकि राग दीपक के सही जाप से दीप जलाए जा सकते हैं, राग मल्हार से बारिश करवाई जा
सकती है.
– आज विज्ञान की बदौलत हम सभी जानते हैं कि विशेष तरंगों को इंसानी कान नहीं सुन सकते, लेकिन सोनोग्राफी एवं अल्ट्रासाउंड के द्वारा आज हम विभिन्न प्रकार के असाध्य रोगों से निजात पा सकते हैं. कई प्रकार के प्रयोगों से पता चलता है कि एक विशेष प्रकार की ध्वनि सुनाने पर मुर्गियों ने अपने पंख गिरा दिए व पेड़-पौधे एवं फसलें सूख गईं.
– शब्दों की ताक़त अपार है. अगर कुछ उत्साहवर्द्धक शब्द सैनिकों में नई जान डालकर एक हारे हुए युद्ध को जिता सकते हैं, तो कुछ अपशब्द बड़े से बड़े और गहरे रिश्ते-नाते तोड़ भी देते हैं.
धर्म या अंधविश्‍वास नहीं, ये है विज्ञान
– अक्सर लोग आज भी इसी ग़लतफ़हमी में हैं कि मंत्रों का संबंध किसी विशेष धर्म से है, जबकि तमाम साइंटिफिक रिसर्च और शोधों से यह साफ़ हो चुका है कि मंत्रों का आधार विज्ञान है. धर्म से इनका कोई संबंध नहीं, इसीलिए हर धर्म व समुदाय के लोग इनका प्रयोग करके स्वास्थ्य लाभ ले सकते हैं.
– मंत्र का यदि गूढ़ अर्थ जानें, तो मन का मतलब है- माइंड और त्र का अर्थ है तरंग या कंपन. मंत्रों के जप से जो कंपन होता है, वह न स़िर्फ हमारे मस्तिष्क को प्रभावित करता है, बल्कि मंत्रोच्चारण के समय श्‍वास-प्रश्‍वास की क्रिया व रिदम हमारे ग्लांड्स पर असर डालते हैं, जिसका सीधा प्रभाव हमारी हेल्थ पर होता है.
– मंत्र जप के व़क्त हम ध्यानावस्था में पहुंच जाते हैं और हमारा मस्तिष्क अल्फा स्टेट में, जिससे नर्वस सिस्टम बैलेंस होता है और तनाव दूर होता है.
– मंत्रों के नियमित जप से इम्यूनिटी बढ़ती है, क्योंकि इनका प्रभाव मस्तिष्क और नर्वस सिस्टम पर इस तरह से होता है, जिससे हमारे
हार्मोंस प्रभावित होते हैं. सेरोटोनिन और डोपामाइन को हैप्पीनेस हार्मोंस कहा जाता है, मंत्रों के सकारात्मक प्रभाव से हैप्पी
हार्मोंस रिलीज़ होकर मस्तिष्क को सुखद अवस्था में पहुंचाते हैं. स़िर्फ इतना ही नहीं, हमारे मूड से लेकर भूख और नींद तक से जुड़े मस्तिष्क के केंद्रों को यह प्रभावित करके हार्मोंस के स्तर को बैलेंस करते हैं, जिससे हमारी इम्यूनिटी बेहतर होती है.
हॉवर्ड मेडिकल स्कूल ने बताए मेडिटेशन के फ़ायदे
– हॉवर्ड मेडिकल स्कूल ने अपने रिसर्च में पाया कि जो लोग नियमित रूप से ध्यान करते हैं, उनके ‘डिसीज़ फाइटिंग जींस’ यानी बीमारियों से लड़नेवाले जींस अधिक एक्टिव रहते हैं.
– दरअसल, ध्यान की अवस्था में मस्तिष्क शांत हो जाता है और तनावरहित होने पर बीमारियों से लड़नेवाले हार्मोंस क्रियाशील होते हैं और बीमारी उत्पन्न करनेवाले हार्मोंस कम होते हैं.
– शोधकर्ताओं के अनुसार मेडिटेशन का पूरा लाभ पाने के लिए ॐ का उच्चारण भी करना चाहिए.
ॐ के जप के फ़ायदे
– शरीर के टॉक्सिन्स निकल जाते हैं.
– वोकल कॉर्ड और गले की मांसपेशियों को मज़बूती मिलती है. ख़ासतौर से बढ़ती उम्र में यह और भी फ़ायदेमंद है.
– ॐ के नियमित उच्चारण से जो कंपन पैदा होता है, उसका असर वोकल कॉर्ड और साइनस पर भी पड़ता है.
– यह रक्तचाप व थायरॉइड को नियंत्रित करता है.
– कुछ लोगों के निजी अनुभव तो यह भी कहते हैं कि ॐ के जप से उनका वज़न भी नियंत्रित रहता है, क्योंकि इसके वाइब्रेशन्स पूरे शरीर को प्रभावित करते हैं और बढ़ते वज़न को कम करते हैं.

   
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