बॉलीवुड की पहली स्टंट वुमन ने कैसे किया था कास्टिंग काउच का सामना?

रेशमा पठान को इंडियन फिल्म इंडस्ट्री की पहली स्टंट वुमेन के तौर पर जाना जाता है. रेशमा ने फिल्म शोले में हेमा मालिनी की बॉडी डबल के तौर पर खतरनाक स्टंट किए थे. इसके अलावा उन्होंने श्रीदेवी, डिंपल कपाड़िया और मीनाक्षी शेषाद्री जैसी अदाकाराओं के लिए भी बॉडी डबल का काम किया. फिल्म इंडस्ट्री में लंबे वक्त तक काम करने वाली रेशमा का मानना है कि, “कोई फर्क नहीं पड़ता कि कौन सा वक्त चल रहा है. महिलाओं को हमेशा पुरुषों की बदनीयति का सामना करना पड़ा है.”

रेशमा ने महज 14 साल की उम्र में स्टंट वुमने का काम शुरू कर दिया था. उन्हें अपने परिवार का पेट पालने के लिए यह रास्ता चुनना पड़ा था. आईएएनएस से एक बातचीत में उन्होंने कास्टिंग काउच को लेकर अपनी आपबीती सुनाई. रेशमा से जब पूछा गया कि प्रोड्यूसर्स और एक्टर्स के द्वारा उनके सामने किस तरह के प्रस्ताव रखे गए, 65 वर्षीय रेशमा ने कहा, “शारीरिक तौर पर हालांकि मैं मजबूत थी और किसी को भी मुक्का जड़ सकती थी, लेकिन मुझे मेरा घर चलाना था.” रेशमा ने बताया कि चालाकी से वो इस तरह के प्रस्ताव से बच निकलती थी.

बॉलीवुड की पहली स्टंट वुमेन

रेशमा के मुताबिक़, “मैंने कोई समझौता नहीं किया. मैं उन्हें बताती थी कि देखिए मैं आपका सम्मान करती हूं, इसलिए प्लीज ऐसा कुछ भी मत करिए कि मेरी नजर में आपकी इज्जत गिर जाए और मेरे साथ कोई अपमानजनक हरकत मत कीजिए.”

रेशमा उस दौर की महिला हैं जब 1968 में ज्यादातर एक्शन सीन्स पुरुष ही किया करते थे. यहां तक कि एक्ट्रेसेज के एक्शन सीन्स भी पुरुष ही महिलाओं जैसे कपड़े पहन कर किया करते थे.

जूनियर थी इसलिए काम नहीं मिला-

रेशमा का कहना है कि यह उनकी गरीबी से लड़ने की जिजीविषा थी जिसने उनकी हिम्मत नहीं टूटने दी. लेकिन पुरुष अधिकृत क्षेत्र में उनकी यह एंट्री बहुत अनैच्छिक थी. उन्होंने कहा, “जाहिर तौर पर अड़चनें थीं, लैंगिक समानता को आज की तरह नहीं ट्रीट किया जाता था. यदि आपके सिर पर जूनियर आर्टिस्ट का ठप्पा लगा हुआ है तो वो आपको एक एक्ट्रेस का रोल तो नहीं देने वाले हैं.”

दोहरा था मेरे लिए इंडस्ट्री का रवैया-

रेशमा ने कहा, “किसी लड़की में पास यदि एक अनदेखे रास्ते पर चलने की भूख नहीं है तो वह कुछ अनूठा कैसे कर पाएगी? मैंने एक जूनियर आर्टिस्ट के तौर पर काम शुरू किया था और उस दौर में हालात उतने फ्लेक्सिबल नहीं थे. मैं वाकई एक्टिंग करना चाहती थी लेकिन जो इकलौता जवाब मुझे मिलता था वो होता था- तुम स्टंट करो ना, तुम एक्टिंग कैसे करोगी? यही लोग मुझसे ये भी कहा करते थे कि तुम कितनी सुंदर हो. ये वही लोग हैं जो आज बिना किसी भेदभाव वाली इंडस्ट्री का जश्न मनाते हैं.

क्या पता कौन किसकी छत्रछाया में है-

बॉलीवुड की पहली स्टंट वुमेन ने बताया, “मैं किसी को जज नहीं करती हूं क्योंकि आप नहीं जानते कि कौन किसकी छत्रछाया में पल रहा है. फिर भी मुझे ये तो कहना होगा कि मौके बढ़े हैं. यदि आप खुद को एक ‘no-nonsense’ पर्सन के तौर पर पेश करते हैं तो लोग आपको नकारात्मक ढंग से अप्रोच करने में एक बार सोचेंगे. याद रखिए कि हम महिलाएं हैं और यदि हम असुरक्षित हैं तो भी हमारी शक्ति कम नहीं हुई है.” #MeToo के बारे में रेशमा ने कहा कि एक सकारात्मक परिवर्तन आया है.

Source – Aaj Tak

   
Railway Employee (App) Rail News Center ( App) Railway Question Bank ( App) Cover art  

Railway Mutual Transfer (App)

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