* सौंफ को भूनकर उसमें आवश्यकतानुसार सेंधा नमक व नींबू का रस मिलाकर एक बॉटल में रख दें. इसका इस्तेमाल मुखवास के तौर पर करें. भोजन करने के बाद इसका सेवन करने से मुखशुद्धि होती है और खाना आसानी से पचता है.
* कब्ज़ की शिकायत हो, तो रात में सोते समय गुनगुने पानी के साथ सौंफ का चूर्ण लें.
* गले में खराश होने पर सुबह-सुबह सौंफ चबाने से बंद गला खुल जाता है.
* पेटदर्द में भुनी हुई सौंफ चबाने से तुरंत आराम मिलता है.
* हाथ-पांव में जलन होने की शिकायत होने पर सौंफ के साथ बराबर मात्रा में धनिया कूट-छानकर मिश्री मिला लें. भोजन के बाद एक टीस्पून इस चूर्ण को लेने से कुछ ही दिनों में आराम मिल जाता है.
* सौंफ का काढ़ा बनाकर पीने से पित्त बुख़ार से तुरंत छुटकारा मिलता है.
* आंखों की जलन व थकान को दूर करने के लिए सौंफ के पत्ते का रस या फिर सौंफ का पानी पीना काफ़ी फ़ायदेमंद होता है.
* सौंफ के रस में थोड़ी-सी हींग मिलाकर पीने से पेशाब की समस्या, रुक-रुककर पेशाब होना आदि परेशानी दूर होती है.
* पेचिश की समस्या होने पर पानी में सौंफ मिलाकर उबाल लें. फिर उसमें थोड़ा-सा नमक मिलाकर दिनभर में दो-तीन बार पीएं.
* यदि दांत निकलते समय दर्द के कारण बच्चा बहुत रोता हो, तो गाय के दूध में थोड़ी-सी सौंफ मिलाकर उबाल लें. हर रोज़ 1-1 चम्मच दिनभर में तीन-चार बार बच्चे को पिलाएं.
* भोजन करने के आधे घंटे बाद एक चम्मच सौंफ खाने से कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल में रहता है.
* यदि आप सिगरेट-बीड़ी पीने की आदत से छुटकारा पाना चाहते हैं, तो सौंफ को घी में भूनकर बॉटल में भरकर रख लें. जब भी सिगरेट पीने की तलब हो, तब आधा चम्मच सौंफ का सेवन कर लें.
* एक-एक चम्मच सौंफ व धनिया को पीसकर चूर्ण बना लें. इसमें एक चम्मच मिश्री मिलाकर दिनभर में आधा-आधा चम्मच तीन बार पानी के साथ लेने से माइग्रेन (आधासीसी) की समस्या दूर होती है.
* सौंफ का रस और गुलाबजल बराबर मात्रा में मिलाकर लेने से हिचकी दूर होती है.
* आधे लीटर पानी में एक टीस्पून सौंफ को डालकर उबाल लें. जब पानी एक चौथाई रह जाए, तब उसमें 2 टीस्पून घी और एक कप गाय का दूध मिलाकर पीएं. इससे बहरेपन की समस्या दूर होती है.
* सौंफ रक्त को शुद्ध करनेवाली एवं चर्मरोग नाशक है. प्रतिदिन सुबह-शाम दो टीस्पून सौंफ बिना मीठा यानी शक्कर मिलाए, वैसे ही चबा-चबाकर नियमित रूप से कुछ दिनों तक खाने से रक्त शुद्ध होता है.
* गर्भावस्था के दौरान प्रतिदिन भोजन के बाद सौंफ चबाने से संतान गौर वर्ण की होती है.
* 500 ग्राम सौंफ को बारीक़ कूटकर आधे लीटर पानी में भिगो दें. फिर उबालकर छान लें. इसमें पाव किलो शक्कर डालकर दोबारा उबालकर गाढ़ा शर्बत बना लें. जिन स्त्रियों के शरीर की प्रकृति गर्म हो, उनके लिए सौंफ का यह शर्बत रामबाण के समान है. सौंफ के शर्बत का सेवन करने से मां के स्तन में दूध की वृद्धि भी होती है.
सुपर टिप
सौंफ के पानी का काढ़ा बनाकर उसमें दूध मिलाकर पीने से अनिद्रा यानी नींद न आने की समस्या दूर होती है.
Source – Meri Saheli
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