क ख़ुशहाल जीवन जीने के लिए हमें प्यार, अपनापन, साथ… जैसी न जाने कितनी ही छोटी-छोटी बातों की आवश्यकता होती है. ऐसे में कितने ही मामलों में एक स्त्री को दूसरी स्त्री की ही बेहद ज़रूरत महसूस होती है, ख़ासकर शॉपिंग करते समय. आइए, और भी वजहों के बारे में जानते हैं.
1. तनावमुक्त रहने के लिएः महिलाओं से जुड़ी ऐसी कई बातें होती हैं, जिसे वे चाहकर भी पुरुषों से शेयर नहीं कर पातीं. ऐसे नाज़ुक समय में उन्हें किसी नारी के साथ की ही बहुत ज़रूरत होती है. फिर चाहे वो पति-पत्नी के रिश्ते से जुड़ी कोई समस्या या संवेदनशील मुद्दा हो, पीरियड्स की प्रॉब्लम्स हों या फिर आपसी अहम् की बात हो, पति-पत्नी की आपसी कहा-सुनी हो, पारिवारिक सास-बहू, ननद-जेठानी से जुड़े वाद-विवाद हों या अविवाहित बेटी से तनाव… इन तमाम विषयों पर अपनी क़रीबी स्त्री से ही बात कर एक स्त्री ख़ुद को काफ़ी हल्का महसूस करती है. एक नारी को नारी के साथ की ज़रूरत ख़ासतौर पर स्ट्रेस फ्री होने, मन को हल्का करने यानी तनाव को दूर करने के लिए होती ही है.
2. जब ज़िम्मेदारीभरा कार्य करना होः तीज-त्योहार हो या शादी-ब्याह, तब महिलाओं का साथ ही माहौल को ख़ूबसूरत व आकर्षक बनाता है. हमारे यहां शादी की रस्में और ज़िम्मेदारियां काफी होती हैं, जहां पर न जाने कितने काम ऐसे होते हैं, जो महिलाओं को ही करने होते हैं. ऐसे में एक स्त्री को दूसरी स्त्री का साथ मिल जाने पर मानो सोने पे सुहागा वाली स्थिति हो जाती है. वैसे इस तरह के कार्यों में हर किसी की अपनी बहुत सारी जवाबदेही होती है, पर दो नारी के साथ भर से भी कई काम आसानी से हो जाते हैं.
3. जो सच्चाई से अवगत करा सकेः हम चाहे कितने ही अच्छे और समझदार हों, पर हम सभी में कुछ-न-कुछ कमी तो होती ही है. स्त्री के इस पहलू को एक स्त्री ही बेहतर ढंग से कह व समझ पाती है. अतः हमें अक्सर ऐसे शख़्स की ज़रूरत होती है, जो हमसे कड़वा सच कहने की हिम्मत रखता हो, जो बिना लाग-लपेट के हमारी अच्छी-बुरी दोनों ही बातों के बारे में हमें स्पष्ट रूप से बता सके, जो सही मायने में शुभचिंतक-आलोचक हो.
4. परवरिश का नैसर्गिक गुणः चूंकि मातृत्व सुख का सौभाग्य एक स्त्री को ही मिलता है, इसलिए जाने-अनजाने में सहेजने, संवारने, परवरिश करने जैसे गुण उसमें स्वाभाविक रूप से होते हैं. हरेक स्त्री अपने इस स्वभाव को कभी मां, तो कभी बहन-बेटी, सहेली आदि के रूप में जीती है. वो अपने रिश्ते की इस पौध को प्यार व स्नेह के खाद-पानी से सींचती है. उसका यह नैसर्गिक गुण ताउम्र उसके साथ रहता है और रिश्तों के कई नए आयाम लिखता है.
5. जब जीवनसाथी से सब कुछ कहना न हो मुमकिनः एक पत्नी अपने पति से अपना सब कुछ कह-सुन ले, यह संभव नहीं. उस पर यह ज़रूरी भी नहीं कि पति महोदय के पास अपनी पत्नी की आपबीती सुनने-समझने के लिए वक़्त हो. ऐसे में पत्नी की कोई बेस्ट फ्रेंड या फिर कोई क़रीबी महिला ही उसकी सबसे बड़ी राज़दार होती है. वैसे भी यह कहां तक उचित है कि किसी एक शख़्स से ही हम सब कुछ कहने-सुनने की अपेक्षा रखें.
6. सुखद लंबी आयु के लिएः हाल ही में हुए एक शोध के अनुसार, स्त्रियों के लंबे जीवन जीने में उनकी टेंशन फ्री लाइफ की बहुत बड़ी भूमिका रही है. और ऐसा जीवन जीने में किसी स्त्री का साथ होना व एक अच्छी सोशल लाइफ जीना काफ़ी मायने रखता है यानी घर-गृहस्थी, सामाजिक कार्यक्रम, फेस्टिवल आदि में आपका एक्टिव होना, महिलाओं का संग-साथ, उन्हें हेल्दी, ख़ुशमिज़ाज और ख़ुशहाल लंबा जीवन जीने में मदद करता है. ये सभी बातें आपके हर दिन को ख़ुशगवार व ऊर्जा से भर देती हैं.
7. लक्ष्य के सहयोग में मदद के लिएः कहते हैं, हर कामयाब पुरुष के पीछे किसी स्त्री का सहयोग होता है. लेकिन यही बात महिलाओं पर भी लागू होती है. एक स्त्री के आगे बढ़ने, अपने लक्ष्य को पूरा करने, उद्देश्यपूर्ण जीवन की सार्थकता में भी किसी दूसरी स्त्री का भरपूर सहयोग रहा है. नारी को उसके लक्ष्य की ओर बढ़ने में प्रोत्साहित करने में नारी का भी उल्लेखनीय योगदान रहता है. समय-समय पर एक मां, बहन, सहेली या फिर कोई ऐसी स्त्री, जो बेहद क़रीबी होती है, स्त्री को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है.
Source – Sarita
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