पहली बार सामने आई धरती की आवाज, आप भी सुनिए…

आपकी जिस धरती पर रहते हैं, वह भी संगीत और गीत सुनाती है. कभी सुना है आपने? हम में से किसी ने नहीं सुना. लेकिन अब यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ESA) के वैज्ञानिकों ने धरती के गीत को रिकॉर्ड किया है. यह गीत है धरती के चुंबकीय अस्थिरता से निकलने वाली आवाजों का. आइए सुनते हैं ये संगीत और जानते हैं इस गीत के बारे में…

20 सालों के डेटा से निकला 13 सेकंड का संगीत

फिनलैंड की हेलसिंकी यूनिवर्सिटी में बतौर रिसर्च फेलो काम कर रहीं लूसिल टर्क ने बताया कि यह संगीत हमने क्लस्टर साइंस आर्काइव के डेटा का विश्लेषण करके निकाला है. यह डेटा पिछले दो दशकों का है. तभी यह 13 सेकंड का संगीत रिकॉर्ड कर पाए.

आखिर ये क्लस्टर साइंस क्या है?
यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ESA) ने क्लस्टर नामक सैटेलाइट पृथ्वी और सूरज के बीच छोड़ा था. मकसद था सूरज से आने वाली किरणों के प्रभावों का अध्ययन करना. साल 2001 से 2005 के बीच क्लस्टर का सामना करीब छह बार सौर तूफानों से हुआ.

क्या सौर तूफान बना इस संगीत का कारण?

हुआ ये कि जब क्लस्टर यान सूरज और पृथ्वी के बीच चक्कर लगा रहा था तब उसका सामना सौर तूफानों से 6 बार हुआ. जब सौर किरणों का पीछा करते हुए उसने धरती का रुख किया तो उसे धरती से अजीबो-गरीब ध्वनि किरणें निकलती दिखाई दीं.

धरती की ध्वनि तरंगें यानी चुंबकीय तरंगें!

वैज्ञानिकों ने अध्ययन किया तो पाया कि जब सौर तूफान से आने वाली किरणें धरती के चुंबकीय क्षेत्र में प्रवेश करती हैं तो विभिन्न प्रकार की क्रियाएं होतीं है. उन्हीं में से एक होती ये आवाज. फिर उन्होंने ये संगीत रिकॉर्ड किया.

फिर चुंबकीय तरंगों को सुनने लायक आवाज में बदला
इसके बाद लूसिल टर्क और उनकी टीम ने क्लस्टर साइंस आर्काइव में दर्ज सौर तूफानों की किरणों और धरती की चुंबकीय तरंगों की टकराहट से पैदा हुई लहरों को आवाज में बदलकर सुनने लायक बनाया. अब आपके सामने पेश है धरती का ये गीत.

Source – Aaj Tak

Share

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *