ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेज़ (AIMMS) ने हाल-फ़िलहाल में एक सर्वे किया था. उसके मुताबिक हिंदुस्तान में हर चार में से एक महिला को पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) होता है. जिनमें से 20 से 25 प्रतिशत औरतें रीप्रोडकटिव ऐज की होती हैं. मतलब वो बच्चा पैदा कर सकती हैं. ये स्टडी 3,500 औरतों पर हुई थी. सबसे ज़्यादा डराने वाली बात ये है कि हालाकिं PCOS हिंदुस्तानी औरतों में बहुत आम है पर उनको इस बीमारी के बारे में बहुत कम मालूमात है. यहां तक की जिन औरतों को PCOS है उनमें से 50 प्रतिशत औरतों को पता ही नहीं है कि उनको ये बीमारी है.
हर साल सितंबर का महिना ‘वर्ल्ड PCOS अवेयरनेस मंथ’ के तौर पर मनाया जाता है. इसलिए देशभर में डॉक्टर इस बीमारी के बारे में बात करने के लिए आगे आ रहे हैं. उनका मकसद PCOS के बारे में औरतों को जागरूक करना है. ये बताना है कि कैसे इस बीमारी से बचना चाहिए और अगर PCOS है तो क्या करना चाहिए.
अब ये कैसे पता चलेगा कि आपको PCOS है?
PCOS के सबसे कॉमन लक्षण हैं:
-इर्रेगुलर पीरियड
-पीरियड के दौरान हद से ज़्यादा दर्द होना
-एकदम से बहुत वेट गेन कर लेना या लूज़ कर देना
-शरीर और चेहरे पर अचानक से बाल आना
PCOS की वजह से औरतें के कॉन्फिडेंस में बहुत कमी आ जाती है. अगर अगर इसका सही समय पर इलाज नहीं करा गया तो आगे जाकर काफ़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. जैसे PCOS से सफ़र कर रही औरतों को मां बनने में परेशानी होती है. साथ ही डायबिटीज़, दिल की बीमारी, और कैंसर होने की भी चांसेस होते हैं.
अकसर PCOS का नाम आते ही औरतें घबरा जाती हैं. उनको लगता है कि वो कभी मां नहीं बन पाएंगीं. पर ऐसा नहीं है. होमियोपैथी की मदद से PCOS का इलाज किया जा सकता है. और एक हेल्दी ज़िन्दगी जी जा सकती है.
डॉक्टर बत्रा ग्रुप ऑफ़ कम्पनीज़ के फाउंडर और चेयरमैन पदम् श्री डॉक्टर मुकेश बत्रा कहते हैं:
“मैं पिछले 44 सालों से प्रक्टिस कर रहा हूं. इन सालों में मैंने कई औरतों को PCOS से जूझते हुए देखा है. वक़्त के साथ इनकी तादात और बढ़ती जा रही है. औरतें अक्सर अपनी सेहत को इग्नोर करती हैं. बल्कि उनका स्वस्थ रहना समाज के लिए बहुत ज़रूरी है. PCOS का इलाज मुमकिन है. और होमियोपैथी की मदद से काफ़ी रहत मिलती है.”
PCOS एक हॉर्मोनल बीमारी है. मतलब हॉर्मोन्स की उथल-पुथल की वजह से ये होता है. ओवरीज़ यानी अंडाशय के अंदर कई गाठें हो जाती हैं. इनके अंदर एक फ्लूइडनुमा चीज़ भर जाती है. इस वजह से वो अंडे बनाना भी बंद कर देती हैं. इन सबका असर पड़ता है पीरियड्स पर. वो महीनों-महीनों नहीं होते. अगर होते भी हैं तो ब्लीडिंग बहुत कम होती है. काफ़ी दर्द होता है. मूड भी बहुत ख़राब रहता है. PCOS एक ऐसी बीमारी है जिसके बारे में औरतों को जागरूक होना ज़रूरी है.
Source – Odd Nari
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