डोईवाला रेलवे स्टेशन फरवरी 2020 में नए लुक में नजर आएगा। रेलवे स्टेशन के जीर्णोद्धार का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है। स्टेशन को नवीनतम तकनीक से सुसज्जित किया जा रहा है।
गौरतलब है कि डोईवाला का रेलवे स्टेशन 100 साल से भी अधिक पुराना है। अभी तक पुरानी पद्धति के उपकरणों से रेलगाड़ियों का संचालन किया जा रहा था। ट्रेनों की आवाजाही के लिए टोकन ब्लॉक इन्स्ट्रूमेंट का उपयोग होता था, लेकिन नई योजना में डोईवाला रेलवे स्टेशन को आधुनिक तकनीक से सुसज्जित किया जा रहा है। जीर्णोद्धार के बाद स्टेशन पर पैनल से काम किए जाएंगे। इससे रूट बनाने से लेकर सिग्नल ऑफ और ऑन करने का काम एक ही जगह बैठकर किया जा सकेगा। वहीं, स्टेशन पर दो प्लेटफार्म बनाए जा रहे हैं। पहले यहां कम लंबाई का एक ही प्लेटफार्म था। अब यहां 18 बोगियों की ट्रेन के लिए प्लेटफार्म तैयार किया जा रहा है। स्टेशन पर पेयजल और शौचालय की भी प्रभावी व्यवस्था की जा रही है।
आरक्षण कांउटर और फुटओवर ब्रिज की भी जरूरत
लंबे समय से डोईवाला रेलवे स्टेशन का आरक्षण कांउटर बंद चल रहा है। रेल विभाग एक ओर तो स्टेशन के आधुनिकीकरण पर ध्यान दे रहा है। वहीं, आरक्षण काउंटर को यह कहकर बंद किया गया है कि यह आमदनी का स्टेशन नहीं है। स्थानीय लोग रेल विभाग से स्टेशन पर फुटओवर ब्रिज बनाने की भी मांग कर रहे हैं।
बता दें कि डोईवाला मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का निर्वाचन क्षेत्र है। केंद्रीय मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक यहां से विधायक रह चुके हैं और वर्तमान में संसदीय क्षेत्र होने के कारण प्रतिनिधित्व करते हैं। जौलीग्रांट एयरपोर्ट, हिमालयन यूनिवर्सिटी समेत कई महत्वपूर्ण संस्थान होने के बावजूद आरक्षण कांउटर बहाल कराने में किसी को भी रूचि नहीं है।
डोईवाला रेलवे स्टेशन को माडर्न रूप देकर अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त किया जा रहा है। अगले साल चार फरवरी तक स्टेशन का काम पूरा किया जाना प्रस्तावित है। ट्रेनों का संचालन बंद होने से निर्माण कार्य तेज गति से हो जा रहा है।