पब्लिक प्रोविडेंट फंड (Public Provident Fund) केंद्र सरकार की एक ऐसी स्कीम है जिसमें निवेश करने पर आपको एक तरफ जहां इनकम टैक्स से छूट मिलती है वहीं इसमें आपको बेहतर रिटर्न भी मिलता है. हाल ही में PPF से जुड़े कुछ नियमों में बदलाव किया गया है. आइये जानते हैं इन बदलावों के बारे में.
PPF पर मिलता है इतना रिटर्न
अगर आप पीपीएफ अकाउंट होल्डर्स (PPF Accountholders) हैं तो आपको ये जानना जरूरी है कि पीपीएफ अकाउंट (PPF Account) में किए गए निवेश की मैच्योरिटी 15 साल की होती है. केंद्र सरकार हर तिमाही में PPF अकाउंट पर मिलने वाले ब्याज को रिवाइज करती है. मौजूदा समय में पीपीएफ अकाउंट पर जमा पैसे पर 7.9 फीसदी ब्याज दिया जा रहा है.
हर पांच तारीख को तय होता है ब्याज
PPF खाते में महीने की 5 तारीख तक जो न्यूनतम पैसा जमा होता है उस पर ब्याज मिलता है. हर वित्तीय वर्ष के पूरा होने के बाद खाते में पीपीएफ पर मिलने वाला ब्याज क्रेडिट किया जाता है.
नियमों में किए गए हैं ये बदलाव
नए PPF अकाउंट नियमों के तहत कोई भी अकाउंट होल्डर एक वित्तीय वर्ष में अधिकतम 1.5 लाख रुपये जमा कर सकता है. नए नियम के तहत आप एक वित्तीय वर्ष में कितने बार भी PPF अकाउंट नियमों में पैसे जमा कर सकते हैं. पहले एक फाइनेंशियल इयर में सिर्फ 12 बार ही पैसे जमा करने का नियम था.
घर बदलने के लिए निकाल सकते हैं पैसा
केंद्र सरकार ने कुछ खास कारणों से ही PPF अकाउंट खोलने के 5 साल के बाद एकाउंट को समय से पहले बंद करने की सुविधा दी है. प्रीमैच्योर अकाउंट क्लोजर कुछ जानलेवा बीमारी, उच्च शिक्षा जैसे मामलों में ही किया जाता है. अब सरकार ने इस में एक नई शर्त जोड़ दी है. इसके बाद अब अगर कोई अकाउंट होल्डर अपना आवास बदलता है तो भी उसे प्रीमैच्योर क्लोजिंग के लिए आवेदन किया जा सकता है. लेकिन, इसके लिए पासपोर्ट या इनकम टैक्स रिटर्न का ब्यौरा देना होगा. आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि प्रीमैच्योर क्लोजिंग के समय, खाताधारक को तय ब्याज से 1 फीसदी कम ब्याज मिलता है.
लोन लेना हुआ आसान
पीपीएफ अकाउंट में जमा पैसे के आधार पर एकाउंट होल्डर लोन ले सकता है. नए नियम के तहत, अब यह लोन पीपीएफ पर मिलने वाले ब्याज से एक फीसदी ही कम होगा. इसके पहले 2 फीसदी कम ब्याज पर लोन देने का नियम था. अगर अकाउंट होल्डर की मौत हो जाती है तो नॉमिनी को यह ब्याज भरना होगा.
Source – Zee News