बर्धमान पूरबा लोकसभा क्षेत्रः धान के कटोरे में तृणमूल ने उगाई है फसल

बर्धमान पूरबा अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित संसदीय क्षेत्र है. इस सीट का गठन 1951 में ही हो गया था. 2009 में इसका बंटवारा बर्धमान पूर्बा और बर्धमान दुर्गापुर में हुआ. बर्धमान पूर्बा बर्धवान जिले के अंदर आता है जो बर्धमान का मुख्यालय भी है. यह शहर कोलकाता से 100 किलोमीटर दूर है. यह एक महत्वपूर्ण शहर है जो सांस्कृतिक और आर्थिक गतिविधियों का केंद्र है. यहां की कुल आबादी में 84 फीसदी हिस्सा हिंदुओं का है.

यह शहर हिंदू देवता कनकेश्वरी कली के नाम से प्रसिद्ध है. यहां पर बहुत से स्कूल और कॉलेज हैं जिनका पूरे देश में नाम है. यहां का प्रसिद्ध सेंट जेवियर स्कूल अपनी शिक्षा के लिए पूरे प्रदेश में जाना जाता है. पूरे प्रदेश से लोग यहां पर पढ़ने आते हैं. इस जिले की अर्थव्यवस्था कृषि पर आधारित है. बहुत से लोग चावल की खेती करते हैं. इस जिले को धान के कटोरा के रूप में भी जाना जाता है. बर्द्धमान दुर्गापुर से एनएच 2 निकलता है जो पूरे देश को इस शहर से जोड़ता है.

2014 के चुनाव में यहां ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस को विजय मिली थी. लेकिन बीजेपी ने यहां लड़ाई को त्रिकोणीय बनाने का काम किया था. जिस तरह के हालात चल रहे हैं उसमें यहां पर इस बार भी त्रिकोणीय लड़ाई होनी तय है. क्योंकि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह आसपास के इलाके में रैली कर चुके हैं और बीजेपी ने इस क्षेत्र में पूरा जोर लगा दिया है.

राजनीतिक पृष्ठभूमि

इस सीट का गठन 2009 में हुआ था. इससे पहले केवल बर्धमान नाम से सीट थी जिसे बर्धमान पूरबा और बर्धमान दुर्गापुर में बांटा गया. यह इलाका कम्युनिस्टों का गढ़ हुआ करता था. इस सीट पर ग्रामीणों की संख्या ज्यादा है. 2009 में सीपीएम के डॉक्टर अनूप साहा यहां से सांसद चुने गए. उन्होंने ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस के अशोक विश्वास को हराया. अनूप साहा को 531987 वोट मिले थे वहीं ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस के अशोक विश्वास को 472568 वोट मिले थे.

सामाजिक ताना-बाना

यह लोकसभा क्षेत्र पश्चिम बंगाल के बर्धमान जिले में है. 2011 की जनगणना के मुताबिक यहां की आबादी 2121614 है. इसमें 85.52 फीसदी ग्रामीण आबादी है और 14.48 फीसदी शहरी आबादी है. इस लोकसभा क्षेत्र में अनुसूचित जाति और जनजाति का रेश्यो 31.19 फीसदी और 8.09 फीसदी है.

2017 की वोटर लिस्ट के मुताबिक यहां मतदाताओं की कुल संख्या 1628054 है. यहां हिंदुओं की आबादी करीब 84 फीसदी है. यह शहर हिंदू देवी कनकलेश्वरी देवी के नाम पर प्रसिद्द है.

इस संसदीय क्षेत्र में 7 विधानसभा सीटें हैं, इसमें 5 पर AITC और 2 पर सीपीएम का कब्जा है.

1-रैना से AITC के नेपाल घोराई जीते हैं.

2-जमालपुर से सीपीएम के समर हजारा को विजय मिली है.

3-कालना से AITC के कुंडू विश्वजीत जीते हैं .

4-मेमारी से AITC की बेगम नरगिस को विजय मिली है.

5-पूरबास्थली दक्षिण से AITC के स्वप्नदास विधायक हैं.

6-पूरबास्थली उत्तर से सीपीएम के प्रदीप कुमार साहा को विजय मिली है.

7-कटवा से AITC के रबिंद्रनाथ चटर्जी जीते हैं.

2014 का जनादेश

2014 के चुनाव में यहां पर ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस के बीच जोरदार टक्कर हुई थी. 2009 में यहां से सीपीएम के उम्मीदवार ने तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार को एक लाख से ज्यादा मतों से हराया था. 2016 के विधानसभा चुनाव में कई संसदीय क्षेत्रों में तृणमूल कांग्रेस ने सभी विधानसभा सीटों पर कब्जा कर लिया था लेकिन इस संसदीय क्षेत्र की दो सीटें सीपीएम ने झटक ली थीं. 2014 में ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस के सुनील कुमार मंडल ने सीपीएम के ईश्वर चंद्र दास को हरा दिया था. सुनील कुमार को 574660 वोट और सीपीएम के दास को 460181 वोट मिले थे. ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस को 43.5 फीसदी सीपीएम को 34.84 फीसदी, बीजेपी को 12.93 फीसदी और कांग्रेस को 5.22 फीसदी वोट मिले थे. वहीं 2009 के चुनाव में सीपीएम को 47.3 फीसदी, ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस को 42.03 फीसदी, बीजेपी को 6.37 फीसदी वोट मिले थे. 2014 के चुनाव में यहां पर 86.22 फीसदी वोटिंग हुई थी. वहीं 2009 में में 87.21 फीसदी वोटिंग हुई थी.

सांसद का रिपोर्ट कार्ड

2014 में चुनाव के समय सुनील कुमार मंडल की आयु 60 साल रही. उन्होंने बीए, बीएड की डिग्री ली है. पेशे से वह टीचर हैं. सुनील बहुत सारी सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों से जुड़े हुए हैं. उन्हें पढ़ने लिखने का भी शौक है. संसद में इनकी हाजिरी 83.49 फीसदी रही है. सुनील ने कुल 330 सवाल पूछे हैं. कुल 8 डिबेट में हिस्सा लिया है. लेकिन कोई प्राइवेट मेंबर बिल इनके नाम नहीं है. सांसद निधि के तौर पर जो 25 करोड़ रुपये अलॉट किए गए थे उसमें से इन्होंने 16.79 करोड़ यानी 67.16 फीसदी रकम इन्होंने खर्च कर दी है.

Source  – Aaj Tak

   
Railway Employee (App) Rail News Center ( App) Railway Question Bank ( App) Cover art  

Railway Mutual Transfer (App)

Information Center  ( App)
 
Disclaimer: The Information /News /Video provided in this Platform has been collected from different sources. We Believe that “Knowledge Is Power” and our aim is to create general awareness among people and make them powerful through easily accessible Information. NOTE: We do not take any responsibility of authenticity of Information/News/Videos.
Share

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *