शादी करते वक्त जो सात वचन आप देते हैं उनका मतलब जानते हैं क्या?

दुनिया में अगर कोई गैर शादी-शुदा इंसान सबसे ज्यादा कुछ एन्जॉय करता है, तो वो है दूसरों की शादी. एंड वाई नॉट? खाना पीना. नाचना-गाना. सुंदर-सुंदर कपड़े पहनकर तैयार होना. फ्रेंड्स और कजिन्स से मिलने का मौका बार-बार कहां ही मिलता है. इसी बहाने सब छुट्टी लेकर मिल लेते.

लेकिन जो मेन शादी होती है, उसमें चट जाते हैं लोग. दूल्हे-दुल्हन के दोस्त तब तक नाच-नाचकर जूते-सैंडल तोड़ चुके होते हैं. फुफ्फियां-मासियां बच्चों के डायपर बदलने घर जा चुकी होती हैं. फूफड़ इधर-उधर की खुचड़ निकाल कर कोने में बैठे ऊंघ रहे होते हैं.

तब समय आता है फेरों का. इस समय तक दूल्हा-दुल्हन भी 99 पे रन आउट होने की स्थिति में पहुंच गए होते हैं. पंडित जी शिखा फटकार कर बैठते हैं. कहते हैं ‘फेरों का समय हो गया है. वर-वधू को बुलाइए’. वधू जयमाला के टाइम पर खुले सैंडल पहनने का शोक मनाकर पैर सहलाते हुए आती है. वर की साइड वाले हिसाब लगाते हैं कि जूते चुर गए तो कितने पैसे देने पड़ेंगे. वर बटुआ टटोलता आता है. सालियां पेटीएम ले लेंगी तो शायद लाज निबह जाए. उसके पैरों पर इतनी तेज नज़र पूरी जिंदगी में कभी किसी की नहीं रही होगी. पांचवीं क्लास तक क्लास टीचर जूतों की पॉलिश चेक ज़रूर करती थी. उसके बाद से कभी ऐसा रहा नहीं. इस नई फीलिंग में बेचारा पेडिक्योर तक करवा लेता है. बिन जूतों के पैर गंदे लगे तो बेज्जती हो जाएगी.

ऐसे में दिन भर के थके-हारे, हल्दी से लिपे, मेहंदी से चुपड़े दो लोग आग के सामने बिठा दिए जाते हैं. ज्यादा करीब बैठ जाएं तो बारबेक्यू होने के चांसेज रहते. खैर.

इसी समय फेरे होते हैं. सप्तपदी बोलते इसको कई जगह. इसमें वचन दिए जाते हैं. दूल्हा-दुल्हन एक दूसरे को सात वचन देते हैं. अब होता ये है कि वचन तो पंडीजी बोलते जाते हैं. फिर कहते बोलो हां. उनींदे दूल्हा-दुल्हन हां बोलने के सिवा करें तो क्या करें. बोल देते हैं. कहा जाता है कि इन सात वचनों का महातम बहुत है. लेकिन एक शादी में जब हम और हमारे गुटबंधु फेरे वाले मंडप के कोने में रजाई के भीतर दुबके बैठे थे, तब ख्याल आया. फेरे के टाइम वचन तो लिवा लेते हैं. समझ में कितनों को आते? याद कितनों को रहते? इन का कोई पॉइंट भी है या नहीं?

हमने उन लोगों से पूछा जिनकी शादी हो चुकी है. जिन्होंने फेरे लेकर शादी की है. जिन्होंने वचन दिए थे शादी में.

किसी को भी एक वचन तक याद नहीं.

मेरी कलीग ने तो पति को फोन मिला कर पूछा, अरे मेरे वचन कहां हैं?

मोटा-मोटी आसान भाषा में समझ लीजिए क्या वचन होते जो लड़की लड़के से मांगती है:

पहला वचन

तीर्थव्रतोद्यापन यज्ञकर्म मया सहैव प्रियवयं कुर्या:।

वामांगमायामि तदा त्वदीयं ब्रवीति वाक्यं प्रथमं कुमारी।।

इसका सीधा सीधा मतलब ये कि किसी भी धार्मिक काम को करें तो उसमें मुझे साथ रखें. अपनी बाईं ओर रखें. (पत्नी को वामांगी यानी पति का बायां हिस्सा माना जाता है सनातन धर्म में. बाईं ओर आने का मतलब पुरुष की पत्नी होना स्वीकार करना है)

दूसरा वचन

पूज्यौ यथा स्वौ पितरौ ममापि तथेशभक्तो निजकर्म कुर्या:।

वामांगमायामि तदा त्वदीयं ब्रवीति कन्या वचनं द्वितीयम ।।

जैसे अपने माता पिता का सम्मान करता है दूल्हा. वैसे ही दुल्हन के माता-पिता का भी करे. जिन ईश्वर को पूजते हैं उनका सम्मान करोगे तो मैं बाईं तरफ आऊंगी आपके.

तीसरा वचन

जीवनम अवस्थात्रये मम पालनां कुर्या:।

वामांगंयामि तदा त्वदीयं ब्रवीति कन्या वचनं तृतीयं।।

लड़की वचन मांगती है कि शादी के बाद हर उम्र में आप मेरा अगर ध्यान रखोगे तो मैंने आपकी बाईं ओर आने का वचन देती हूं.

चौथा वचन

कुटुम्बसंपालनसर्वकार्य कर्तु प्रतिज्ञां यदि कांत कुर्या:

वामांगमायामि तदा त्वदीयं ब्रवीति कन्या वचनं चतुर्थं।।

लड़की कहती कि कुटुंब का पूरा पालन लड़के को करना होगा. अगर वो करेगा तो वो बाईं ओर आएगी.

पांचवां वचन

स्वसद्यकार्ये व्यवहारकर्मण्ये व्यये मामापि मन्त्रयेथा।

वामांगमायामि तदा त्वदीयं ब्रूते वच: पंचमत्र कन्या।।

यानी दूल्हा जो भी खर्च वगैरह करेगा उसमें पत्नी की सलाह लेगा. कोई लेन-देन होगा, तो पति पत्नी से पूछेगा ज़रूर. तभी लड़की उसके बाईं ओर आएगी.

छठा वचन

न मेपमानमं सविधे सखीनां द्यूतं न वा दुर्व्यसनं भंजश्चेत।

वामांगमायामि तदा त्वदीयं ब्रवीति कन्या वचनं च षष्ठम ।।

इसका मतलब ये कि सहेलियों, परिवार वालों के सामने दूल्हा कभी दुल्हन का अपमान ना करे. किसी भी प्रकार की गंदी आदत से दूर रहे. अगर ये वचन दूल्हा माने तो दुल्हन उनकी बाईं तरफ आएगी.

सातवां वचन

परस्त्रियं मातृसमां समीक्ष्य स्नेहं सदा चेन्मयि कांत कुर्या।

वामांगमायामि तदा त्वदीयं ब्रूते वच: सप्तममत्र कन्या।।

इसमें लड़की कहती है कि अगर दूल्हा सभी दूसरी औरतों को माता समान समझे तो मैं उसकी बाईं तरफ आऊंगी.

लड़का ये सभी वचन देता है. निभाने का का वादा करता है.

लड़की भी सात वचन देती है.

  1. सभी धार्मिक कार्यों में साथ दूंगी.
  2. परिवार की देखभाल करूंगी. जो मिलेगा उसमें खुश रहूंगी
  3. जो सबको रुचेगा, वो खाना बनाऊंगी. आज्ञा का पालन करूंगी.
  4. खुद को साफ़-सुथरा रखूंगी. शारीरिक संबंध बनाते समय पूरा साथ दूंगी. आपकी रूचि अनुसार सजूंगी-धजूंगी.
  5. सुख दुःख में साथ दूंगी. किसी परपुरुष की तरफ मन नहीं लगाऊंगी.
  6. विश्वास नहीं तोडूंगी. घर पर आए अतिथियों का स्वागत करूंगी. सास-ससुर की सेवा करूंगी.
  7. हर मामले में आपकी इच्छा का पालन करूंगी. आपको स्वामी मानूंगी.

हमने बात की पंडित योगेश शास्त्री भंडारी से. मुंबई के हैं. शादी ब्याह में अक्सर विधि करवाते हैं. इनसे हमने इन वचनों के बारे में पूछा. मराठी विधान से शादी कराते हैं. उसमें इन्होंने बताया कि लड़की क्या-क्या वचन देती है. इनके बताये गए वचन ऊपर लिखे वचनों जैसे ही हैं. इन्होंने कुछ बातें और बताईं जो सप्तपदी में दुल्हन दूल्हे को कहती है. जैसे बिना बताए बाहर नहीं जाएगी. पति से पूछकर सब कुछ करेगी. हमारे कुछ सवाल भी थे. इनका जवाब उन्होंने देने की कोशिश की.

  • लड़की किसी को स्वामी क्यों माने? सब तो बराबर हैं.

लड़की अगर पति को स्वामी मानती है, तो पति भी उसको बराबरी का हक़ देता है. उसकी जिम्मेदारी उठाता है.

  • लेकिन लड़की तो आजकल कमा भी रही है. अपना ख्याल खुद रख सकती है. फिर किसी को स्वामी क्यों माने? पति को भगवान क्यों माने?

लड़की आजकल कमा रही है. पहले तो उसकी हर ज़रूरत का ख्याल पति ही रखता था. इसलिए उस समय के ये वचन चल रहे हैं अभी तक.

  • पत्नी बिना बताए बाहर ना जाए? पति चला जाए?

दोनों बता कर जाएं. पहले मोबाइल फोन नहीं होते थे. तो बताकर जाना ज़रूरी होता था. अभी है न फोन तो लोग निकल जाते फिर बता देते. घर के बुजुर्गों को पता तो हो कि घर के लोग हैं कहां.

समय के हिसाब से दुनिया बदल गई. लेकिन वचन वही हैं. अब बदलते टाइम के साथ जब सब चेंज हो रहा है, तो वचन भी चेंज होने चाहिए न? इसमें से कई चीज़ें आज के टाइम में प्रॉब्लम वाली लगती हैं. जब हम बातचीत कर रहे थे, और लोगों से पूछ रहे थे कि उन्होंने जो वचन दिए वो उनको याद हैं या नहीं, तब हमारे सीनियर ने एक बात कही. उन्होंने बताया कि उनकी शादी आर्य समाजी तरीके से हुई थी. उसमें उन्होंने तीन ही बातें एक दूसरे को प्रॉमिस की थीं.

  1. हमेशा एक दूसरे की सेहत का ध्यान रखेंगे.
  2. हमेशा एक दूसरे पर ट्रस्ट करेंगे.
  3. हमेशा ट्रांसपेरेंसी रखेंगे एक दूसरे के बीच.

उन्होंने कहा कि किसी भी रिलेशनशिप में सबसे ज्यादा बेसिक और ज़रूरी यही चीज़ें हैं. और इन्हीं को लेकर हमने एक-दूसरे को प्रॉमिस किया.

मान्यवर का एक एड आया था. उसमें विराट और अनुष्का एक दूसरे को वचन देते नज़र आए थे. बड़े सही थे. उसमें हमने सोचा कि आजकल के टाइम के हिसाब से कुछ वचन एड कर देने चाहिए. सही हो जाएगा. फॉर एक्जाम्पल:

दूल्हा वचन दे:

  1. मैं सारा दिन PUBG/विडियो गेम में नहीं निकालूंगा.
  2. ऑफिस में देर हो, तो एक मैसेज या कॉल जरूर ड्रॉप करूंगा.
  3. जॉइंट अकाउंट में हमेशा बैलेंस मेंटेन करूंगा.
  4. ससुराल में स्पेशल ट्रीटमेंट नहीं मांगूंगा. वैसे ही रहूंगा जैसे तुम यहां रहती हो.
  5. फटे हुए शॉर्ट्स पहनकर सब्जी खरीदने नहीं निकलूंगा. अपना 2008 वाला चमकीला सूट पहनने से पहले आईने में एक बार देख लूंगा.
  6. गीला तौलिया जमीन पर नहीं छोडूंगा. सफ़र करते हुए तुम्हारा टूथब्रश इस्तेमाल नहीं करूंगा, अपना खुद का लाऊंगा.
  7. टॉयलेट सीट हमेशा, हमेशा, हमेशा नीचे करके बाहर निकलूंगा.

Source – OddNari

   
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