ध्यान – अष्टांग योग का सातवां अंग हैं, शरीरस्थ मन को एक स्थान पर स्थिर कर ईश्वर के दर्शन हेतु निरंतर प्रयास करना, चिंतन करना तथा अन्य विषय विचारों से अलग रखना ध्यान कहलाता है। ध्यानावस्था में ज्ञान सूक्ष्म से सूक्ष्म रूप में प्राप्त हो जाता है। ध्यान से मानस्रिक स्रुख व शांति का …
Continue reading “ध्यान, ध्यान के विधि , ध्यान के लाभ एवं अनुभव”