स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचागत सुविधाओं में निवेश में उल्लेखनीय वृद्धि की गई है और वर्ष 2020-21 के बजट अनुमान में स्वास्थ्य एवं खुशहाली के लिए बजट परिव्यय 2,23,846 करोड़ रुपये का है, जबकि इस साल का बजट अनुमान 94,452 करोड रुपये का है, जो 137 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।
वित्त मंत्री ने घोषणा की कि 6 वर्षों में लगभग 64,180 करोड़ रुपये के परिव्यय वाली एक नई केन्द्र प्रायोजित स्कीम ‘पीएम आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना’ का शुभारंभ किया जाएगा। इससे प्राथमिक, द्वितीयक एवं तृतीयक स्वास्थ्य प्रणालियों की क्षमता विकसित होगी, मौजूदा राष्ट्रीय संस्थान मजबूत होंगे, और नये संस्थानों का सृजन होगा, जिससे नई और उभरती बीमारियों की पहचान एवं इलाज करने में आसानी होगी। यह राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अतिरिक्त होगा। इस योजना के तहत किये जाने वाले मुख्य उपाय निम्नलिखित हैं :
ए. 17,788 ग्रामीण और 11,024 शहरी स्वास्थ्य एवं वेलनेस केंद्रों के लिए आवश्यक सहायता दी जाएगी।
बी. 11 राज्यों के सभी जिलों और 3382 प्रखंड सार्वजनिक स्वास्थ्य इकाइयों में एकीकृत सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएंगी।
सी. 602 जिलों और 12 केन्द्रीय संस्थानों में गंभीर बीमारी की देखभाल से जुड़े अस्पताल ब्लॉक स्थापित किये जाएंगे।
डी. राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केन्द्र (एनसीडीसी), इसकी 5 क्षेत्रीय शाखाओं और 20 महानगरों में स्थित स्वास्थ्य निगरानी इकाइयों को मजबूत किया जाएगा।
ई. सभी सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशालाओं को आपस में जोड़ने के लिए एकीकृत स्वास्थ्य सूचना पोर्टल का विस्तार सभी राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों में किया जाएगा।
एफ. प्रवेश स्थलों, अर्थात 32 हवाई अड्डों, 11 समुद्री बंदरगाहों और 7 लैंड क्रॉसिंग पर 17 नई सार्वजनिक स्वास्थ्य इकाइयों को चालू किया जाएगा और 33 मौजूदा सार्वजनिक स्वास्थ्य इकाइयों को मजबूत किया जाएगा।
जी. 15 स्वास्थ्य आपातकालीन ऑपरेशन केन्द्रों और 2 मोबाइल अस्पतालों की स्थापना की जाएगी।
एच. वन हेल्थ के लिए एक राष्ट्रीय संस्थान, डब्ल्यूएचओ के दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र के लिए एक क्षेत्रीय अनुसंधार प्लेटफॉर्म, जैव सुरक्षा स्तर-3 की 9 प्रयोगशालाओं और विषाणु विज्ञान के लिए 4 क्षेत्रीय राष्ट्रीय संस्थानों की स्थापना की जाएगी।
टीका
वर्ष 2021-22 के बजट अनुमान में कोविड-19 वैक्सीन के लिए 35,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया।
भारत में तैयार ‘न्यूमोकोकल वैक्सीन’, जो मौजूदा समय में केवल पांच राज्यों तक ही सीमित है, को देश भर में उपलब्ध कराया जाएगा। इसका उद्देश्य हर वर्ष 50,000 बच्चों को मौत के मुंह में जाने से बचाना है।
पोषण
पोषक तत्वों को बढ़ाने के साथ-साथ इनकी डिलीवरी, पहुंच एवं परिणाम को बेहतर करने के लिए सरकार पूरक पोषण कार्यक्रम और पोषण अभियान का आपस में विलय कर देगी तथा मिशन पोषण 2.0 को लॉन्च करेगी। सरकार सभी 112 जिलों में पोषण संबंधी परिणामों को बेहतर करने के लिए एक गहन रणनीति अपनाएगी।
जलापूर्ति की सार्वभौमिक कवरेज और स्वच्छ भारत मिशन
वित्त मंत्री ने घोषणा की कि 2.86 करोड़ घरों में नल कनेक्शनों के साथ सभी 4378 शहरी स्थानीय निकायों में सार्वभौमिक जलापूर्ति के लिए जल जीवन मिशन (शहरी) का शुभारंभ किया जाएगा। इसके साथ ही 500 अमृत शहरों में तरल अपशिष्ट का प्रबंधन किया जाएगा। इसे 2,87,000 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ अगले 5 वर्षों में कार्यान्वित किया जाएगा। इसके अलावा 2021-2026 तक के 5 वर्षों में 1,41,678 करोड़ रुपये के कुल वित्तीय आवंटन के साथ शहरी स्वच्छ भारत मिशन को कार्यान्वित किया जाएगा। वायु प्रदूषण की गंभीर समस्या से निपटने के लिए सरकार ने इस बजट में 10 लाख से अधिक की आबादी वाले 42 शहरी केन्द्रों के लिए 2217 करोड़ रुपये उपलब्ध कराने का प्रस्ताव किया है। पुराने और अनुपयुक्त पाए जाने वाले वाहनों को चरणबद्ध ढंग से हटाने के लिए एक स्वैच्छिक वाहन स्क्रैप नीति की भी घोषणा की गई। निजी वाहनों के मामले में 20 साल बाद और वाणिज्यिक वाहनों के मामले में 15 साल बाद स्वचालित फिटनेस केन्द्रों में फिटनेस परीक्षण कराए जाने का प्रस्ताव किया गया है।