भारत और साउथ अफ्रीका के बीच तीन वनडे मैचों की सीरीज 12 मार्च से शुरू होगी. सीरीज का पहला वनडे मुकाबला धर्मशाला में खेला जाएगा. धर्मशाला के इसी हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (HPCA) स्टेडियम में पिछले साल 15 सितंबर को भारत और साउथ अफ्रीका के बीच तीन टी-20 मुकाबलों का पहला मैच बारिश के कारण बिना कोई गेंद फेंके रद्द हो गया था.
वनडे इंटरनेशनल सीरीज की बात करें, तो साउथ अफ्रीकी टीम ने पिछली बार भारत दौरे पर अक्टूबर 2015 में पांच मैचों की वनडे सीरीज खेली थी. साउथ अफ्रीका ने वह सीरीज 3-2 से जीती थी. भारत की धरती पर दोनों टीमों के बीच द्विपक्षीय सीरीज की शुरुआत नवंबर 1991 में हुई थी और वह सीरीज साउथ अफ्रीका के लिए बेहद खास थी.
अफ्रीकी टीम को ऐसे मिला नया जीवन’
दरअसल, 10 नवंबर (1991) का दिन विश्व क्रिकेट इतिहास का भावुक दिन साबित हुआ था. 21 साल तक वर्ल्ड क्रिकेट से कटे रहने के बाद 1991 में इसी दिन दक्षिण अफ्रीका ने अपना पहला अंतरराष्ट्रीय मैच खेला था. सबसे बढ़कर भारत की धरती पर अफ्रीकी टीम को ‘नया जीवन’ मिला. रंगभेद नीति के कारण दुनिया ने इस देश से दूरी बना ली थी.
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद् (आईसीसी) से जुड़ने के 4 महीने के अंदर दक्षिण अफ्रीका की टीम भारत दौरे पर आई थी. वापसी के बाद उसने अपना पहला अंतरराष्ट्रीय मैच कोलकाता के ईडन गार्डन्स में खेला था. हालांकि वह मुकाबला भारत ने 3 विकेट से जीता था.
अपने पहले ही मैच (डेब्यू) में तेज गेंदबाज एलन डोनाल्ड ने अपनी छाप छोड़ी थी. उन्होंने 29 रन देकर 5 विकेट झटके थे. डोनाल्ड और सचिन तेंदुलकर (62 रन, 1 विकेट) उस मैच में संयुक्त रूप से ‘मैन ऑफ द’ मैच रहे. उस अफ्रीकी टीम के कप्तान क्लाइव राइस थे, हालांकि आज वे इस दुनिया में नहीं हैं. 66 साल की उम्र में 28 जुलाई 2015 को उनका निधन हो गया.
IND-SA द्विपक्षीय ODI सीरीज (भारत में)
1. 1991/92 – भारत ने 2-1 (3) से सीरीज जीती
2. 1996/97- मोहिंदर अमरनाथ बेनिफिट मैच भारत ने जीता 1-0 (1)
3. 1999/00 – भारत ने 3-2 (3) से सीरीज जीती
4. 2005/06 – यह सीरीज 2-2 (5) से ड्रॉ रही
5. 2009/10- भारत ने 2-1 (3) से सीरीज जीता
6. 2015/16- साउथ अफ्रीका ने 3-2 (5) सीरीज जीती
रंगभेद की नीति को खत्म किया गया
दक्षिण अफ्रीका सरकार ने कुछ ऐसे नियम बनाए थे, जिसने आईसीसी को असमंजस में डाल दिया था. सरकार के नियमों के मुताबिक उनकी देश की टीम को श्वेत देशों (इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड) के खिलाफ ही खेलने की अनुमति थी. यह भी शर्त यह थी कि विपक्षी टीम में श्वेत खिलाड़ी ही खेलेंगे.
आईसीसी ने दक्षिण अफ्रीका को निलंबित कर दिया, जिससे अफ्रीकी खिलाड़ियों का भविष्य पर खतरे में पड़ गया. वहां के कई क्रिकेटर्स का करियर इस इंतजार में खत्म हो गया कि दक्षिण अफ्रीकी टीम की अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कब वापसी होगी. आखिरकार 21 साल बाद वह दिन आया, जब दक्षिण अफ्रीका में बदलाव आया और वहां रंगभेद की नीति को खत्म किया गया.
Source – Aaj Tak
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