माँ-बाप बनने के लिए सिर्फ अपना बच्चा ही क्यों, बच्चा गोद लेना भी तो एक विकल्प है!

“अरे कमला, तू चार साल से यहां काम करती है। इतना तो जान ही गई हूँ तुझे।

“सच दीदी, आप कितना ख्याल रखती हैं, ये जानते हुए भी कि मैं एक काम वाली हूँ। आप इतनी अच्छी हो, सबकी मदद करती हो, न जाने क्यूँ फिर भगवान आपको एक बच्चे के लिये तरसा रहे हैं।”

“शायद, पिछले जन्म का कोई लेखा-जोखा हो। अच्छा चल तू, रात हो रही है, नहीं तो बस नहीं मिलेगी और हाँ पहुंच कर फोन कर देना।”

“अरे आप आ गए? आज रिपोर्ट मिलने वाली थीं क्या निकला है?” अनंत चुप था।

“आप कुछ बोल नहीं रहे हैं? रिपोर्ट नॉर्मल तो है ना?”

“तुम्हारी रिपोर्ट नॉर्मल है पर…”

“पर क्या?”

अनंत ने भारी आवाज मे कहा, “मैं पिता नहीं बन सकता। मुझे माफ कर दो छवि, मैं तुम्हें माँ बनने का सुख नहीं दे सकता। मेरी वजह से तुम्हें ताने सुनाने पड़ते हैं।”

छवि और अनंत की शादी को पांच साल हो गए थे। पर वो माँ नहीं बन पा रही थी। जब डॉक्टर ने दोनों की जांच कराई तो पता चला कि अनंत कभी पिता नहीं बन सकता।

छवि ने अपनी आँखों के उमड़ते सैलाब को बड़ी मुश्किल से रोका। अनंत के कंधे पर हाथ रखकर बोला, “ज़रूरी नहींं मैं बच्चे को जन्म दूँ तभी माँ बनूँगी और आप पिता बनेंगे। हम बच्चा गोद लेंगे। हम मिलकर उसकी परवरिश करेंगे और वह हमें माँ-पापा कहके बुलायेगा”, कहकर छवि अनंत के गले लगकर रोने लगी। अनंत भी खुद के आंसुओं को रोक ना पाया।

कमला किचन में बर्तन धो रही थी। जब से आई है काफी उदास लग रही थी। सारे बर्तन साफ कर उसने दो कप चाय बनाई, एक कप दिया छवि को और दूसरा ले नीचे बैठने लगी, तभी छवि ने डांटते हुए कहा, “कितनी बार कहा है ऐसी हालत में नीचे मत बैठ, और चाय ठंडी कर के पिया कर बच्चे को तकलीफ होती है।

“जी दीदी”, कहकर कमला सोफे पर बैठ गई।

“कल आप की रिपोर्ट आने वाली थी?”

“कमला तू अपने काम से मतलब रख”, उठ कर छवि अपने कमरे में चली गयी।

‘कुछ तो बात है, तभी दीदीेेे ने ऐसे बात की है। वरना वो कभी ऐसे बात नहीं करती। अब इस बारे में दोबारा नहीं बोलूंगी।’

“कमला तेरा आठवां महीना लगने वाला है?”

“जी दीदी।”

“अब तू छुट्टी ले ले। कल से अब तू मत आ। मैं तेरे छुट्टी का पैसा नहीं काटूंगी।”

“पता है दीदी, मुझे यहाँ पर बहुत अपनापन लगता है। लेकिन अब बस से सफर करना ठीक भी नहीं, पर…!”

“अब तू कुछ नहीं बोलेगी। चिन्ता ना कर, मै आऊंगी तुझसे मिलने। और हाँ, किसी चीज़ की ज़रुरत पडे़ तो मुझे फोन कर के मांग लेना।”

कमला की पहले से दो बेटियाँ थीं। एक महीने बाद कमला ने फिर से एक बेटी को जन्म दिया। कमला के पति ने जब सुना कि लड़की हुई है तो वो निराश हो गया। उसने कमला से एक बार नहीं पूछा उसकी तबियत के बारे में और उसे सुनाने लगा, “दो लड़कियों का पहले से पालन-पोषण कर रहा हूँ। मैं इसे नहींं रखूँगा। घर आना तो इसे छोड़ के आना वरना तुम्हारे लिए भी घर का दरवाज़ा बन्द है।” कमला रोकती रही पर उसका पति नहीं रूका।

इधर छवि को जब पता चला तो वो कमला से मिलने आई, “अरे वाह कितनी सुंदर है तेरी बेटी”, छवि ने गोद में लेके कहा। “इसकी कितनी प्यारी मुस्कान है। कमला तू इसका नाम मुस्कान रखना।”

“दीदी आप जानती हैं मेरी पहले से दो बेटियाँ है। मेरे पति ने इसे पालने से इनकार कर दिया हैं। उसने इसका चेहरा भी नहीं देखा। आप ने मुझे कुछ बताया नहीं पर एक दिन मैंने आपकी बातें सुन लीं थी कि आप बच्चा गोद लेना चाहते हैं। आप से अच्छी माँ मेरी बेटी को नहीं मिल सकती। क्या आप मेरी बेटी को गोद लेंगी?”

“कमला तूने अपनी बेटी देकर बहुत बड़ा एहसान किया है। मैं ज़िंदगी भर नहीं चुका पाऊँगी इस एहसान का बदला।”

“एहसान तो आप मुझपर कर रही हैं, मेरी बेटी को गोद लेकर वरना मेरे पति इसे कहीं छोड़ आते। आपकी छत्र-छाया में पलेगी तो मुझे भी तसल्ली रहेगी। मैं कुछ दिनों में पति के साथ दुसरे शहर चली जाऊंगी। मेरी बेटी का ख्याल रखना। आज से ये आपकी मुस्कान है।”

Source – WomensWeb

   
Railway Employee (App) Rail News Center ( App) Railway Question Bank ( App) Cover art  

Railway Mutual Transfer (App)

Information Center  ( App)
 
Disclaimer: The Information /News /Video provided in this Platform has been collected from different sources. We Believe that “Knowledge Is Power” and our aim is to create general awareness among people and make them powerful through easily accessible Information. NOTE: We do not take any responsibility of authenticity of Information/News/Videos.
Share

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *