कृषि विज्ञान केंद्र में कृषि में सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग एवं महत्व एवं जल संरक्षण जागरूकता अभियान पर प्रशिक्षण दिया गया। कृषि प्रसार वैज्ञानिक डॉ. एनके पांडेय ने कहा कि कृषि एवं कृषि संबंधित किसी भी प्रकार के कार्य को शुरू करने से पहले किसान उसके बारे में जानकारी केंद्र तथा अन्य माध्यमों से घर बैठे एकत्रित कर सकते हैं।
आज संचार माध्यमों के विकास से सूचनाएं लोगों तक समाचार पत्रों, कृषि पत्रिकाओं, फोल्डरों, रेडियो व अन्य माध्यों से पहुंच रही हैं। किसान कॉल सेंटर (टोल फ्री नंबर 18001801551), पूसा एग्री कॉम (टोल फ्री नंबर 1800-11-8989), किसान सुविधा एप, एग्री मीडिया, कृषि उपयोगी बेवसाइट तथा डीडी किसान चैनल द्वारा खेती, सरकारी स्कीम, पशुपालन, जिले में डीलर, मौसम फसल बीमा, बाजार एवं फसल भाव की जानकारी घर बैठे प्राप्त कर सकते हैं। किसानों से जल संरक्षण जागरूकता के लिए आगे आने का आह्वान किया गया। जिले के नौ गांवों से 55 किसानों ने प्रशिक्षण में उपस्थिति दर्ज कराई। इसमें खुमान सिंह पिपरई, प्रभुदयाल खिरियामिश्र, अनिल पटैरिया पठागौरी, देव सिंह यादव अडवाहा आदि ने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर वैज्ञानिक डॉ. दिनेश तिवारी, डॉ. नितिन कचरू यादव, डॉ. मारूफ अहमद, डॉ. अर्चना दीक्षित ने विचार व्यक्त किए।
प्रधानमंत्री के कार्यक्रम का सीधा प्रसारण देखा
कृषि विज्ञान केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण, कृत्रिम गर्भाधान व स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम का सीधा प्रसारण देखा गया। जिले के पशुपालकों ने भी हिस्सा लिया। पशुपालकों ने पशुओं को टीकाकरण व कृत्रिम गर्भाधान करवाया। लगभग 165 बकरियों को कृमि नाशक दवा दी गई। मुख्य अतिथि मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. एसके शाक्य रहे। केंद्र के नजदीकी गॉव बम्हौरीकलां, खिरियामिश्र, ककरूआ व पिपरियावंशा से आए पशुपालकों ने पशुओं को टीकाकरण तथा कृत्रिम गर्भाधान कराया। उप कृषि निदेशक संतोष कुमार सविता, केंद्र अध्यक्ष, डॉ. एके चौहान, उप मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. एसके सिंह, केंद्र के सभी वैज्ञानिक व अन्य स्टाफ मौजूद रहा।
Source – Amar Ujala
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