वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक हेपेटाइटिस संक्रमण भारत समेत दुनिया के अन्य देशों के लिए एक बड़ा खतरा है. साउथईस्ट एशिया में डब्ल्यूएचओ की रीजनल डायरेक्टर पूनम खेत्रपाल सिंह का कहना है कि भारत में करीब एक करोड़ से भी ज्यादा लोग हेपेटाइटिस सी के शिकार हैं. यह आंकड़ा एचआईवी या एड्स से संक्रमित लोगों से छह गुना ज्यादा है.
हेपेटाइटिस एक डीएनए वायरस का संक्रामक रोग है, जो एक-दूसरे के शारीरिक संपर्क और रक्त से फैलता है. यह वायरस इंसान के लीवर पर अटैक करता है और धीरे-धीरे उसे मौत की तरफ ले जाता है. डब्ल्यूएचओ के अनुसार इस वायरस का इलाज होते हुए भी यह साउथ-ईस्ट एशिया समेत पूरे विश्व में बड़ी चुनौती बना हुआ है.
डब्ल्यूएचओ द्वारा जारी आंकड़ों की मानें तो हेपेटाइटिस के कारण साउथ-ईस्ट एशिया में हर साल करीब साढ़े तीन लाख लोगों की मौत होती है. इंसानों की मौत का यह आंकड़ा एचआईवी और मलेरिया से होने वाली मौतों से भी कहीं ज्यादा है. क्या आप जानते हैं हेपेटाइटिस वायरस फैलने का सबसे ज्यादा खतरा मानसून में ही होता है.
मानसून में लोगों को सर्दी, जुकाम, बुखार और खांसी की शिकायत रहती है. इस मौसम में हेपेटाइटिस ए और ई फैलने का खतरा काफी बढ़ जाता है. यह वायरस शरीर के सबसे महत्वपूर्ण हिस्से लीवर पर अटैक करता है. इसके अलावा दूषित पानी पीने, दूषित भोजन और संक्रमित जानवरों का मांस खाने से भी हेपेटाइटिस ए या ई हो सकता है.
कैसे रहें सुरक्षित-
मानसून में तेजी से फैलने वाले इस खतरनाक वायरस से बचने के लिए आपको नियमित रूप से मेडिकल जांच करानी चाहिए. इसके अलावा अपने आस-पास साफ सफाई का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए. यह समस्या लीवर से जुड़ी है, इसलिए इसमें बरसात के मौसम में कुछ भी तला हुआ या फास्ट फूड जितना हो सके एवॉयड किजिए.
Source – Aaj Tak