घर की महिलाएं किचन में चावल, दाल और शक्कर के डिब्बे में पैसे रखती हैं. ये वो पैसे होते हैं, जो कोई सामान खरीदने पर खुल्ले बच जाते हैं. अगर आप भी ऐसा करती हैं, तो एक बात बताइए, क्या इन डिब्बों में पैसे रखने पर आपको कोई फायदा मिलता है. क्या डिब्बे में रखे 80 रुपये कभी सौ रुपये हुए हैं, नहीं न. ऊपर से आपकी जगह कोई और चावल बनाने लग गया, तो हो सकता है, वो 80 रुपये भी न मिलें.
लेकिन अगर आप इन पैसों को बैंक में जमा करती हैं, तो बैंक की ब्याज निर्धारित दर के हिसाब से फायदा मिलेगा. अब हमने आपको ये तो बता दिया कि बैंक में अकाउंट क्यों खोलें. अब जानते हैं अकाउंट कैसे खोलें.
सबसे पहले तो ये जान लें कि बैंकों में अकाउंट खोलने के दो तरीके होते हैं. ऑनलाइन और ऑफलाइन. हम यहां आपको ऑफलाइन तरीका बता रहे हैं.
किस टाइप का अकाउंट खोलना है-
बैंक में कई टाइप के अकाउंट होते हैं. जैसे बचत खाता/सेविंग अकाउंट, आवर्ती जमा खाता/ रिकरिंग अकाउंट, सावधि जमा खाता/फिक्स्ड डिपॉजिट अकाउंट और चालू खाता/ करंट अकाउंट. अगर आप अपनी नॉर्मल बचत को बैंक में डालना चाहते हैं, तो बचत खाता खोल सकती हैं. कंफ्यूजन होने पर बैंक में संबंधित अधिकारी या व्यक्ति से बात कर तय कर सकती हैं कि कौन सा अकाउंट खोलें.
क्या-क्या डॉक्यूमेंट चाहिए-
बैंक का केवाइसी (नो योर कस्टमर) यानी अपने ग्राहक को जानें प्रोसेस होता है. इसके तहत बैंक अकाउंट खोलने के लिए कुछ डॉक्यूमेंट की जरूरत होती है. पहले इस प्रोसेस में पहचान पत्र और एड्रेस प्रूफ यानी कहां रहते हैं के बारे में अलग-अलग डॉक्यूमेंट देने होते थे. अब आरबीआई (रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया) ने अपनी गाइडलाइन्स में बदलाव किया है. जिसके बाद आप एक पासपोर्ट साइज फोटो और एड्रेस प्रूफ देकर खाता खोल सकती हैं. एड्रेस प्रूफ में पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी कार्ड, पैन कार्ड या आधार कार्ड दे सकती हैं. ध्यान रखें कि आपकी फोटो नई हो, 2-4 साल पुरानी नहीं.
बैंक जाएं और संबंधित व्यक्ति से मिलें-
सोच लिया है कि कौन से टाइप का अकाउंट खोलना है. और डॉक्यूमेंट तैयार हैं, तो बैंक जाएं. किसी भी विंडो पर जाकर कह सकती हैं कि खाता खोलना चाहती हैं. वो आपको संबंधित अधिकारी से मिलवाएंगे. वो अधिकारी आपको एक खाता खोलने का फॉर्म देगा.
फॉर्म भरकर जमा कर दें-
फॉर्म में आराम से नाम, पता, व्यवसाय और अन्य जानकारियां भर दें. कुछ न समझ आए, तो किसी बैंक कर्मचारी से पूछ लें. नमूना हस्ताक्षर कार्ड पर दो या तीन सिग्नेचर करने होते हैं. वो सिग्नेचर कर दें. अब फॉर्म और डॉक्यूमेंट को विंडो पर दे दें. अब अधिकारी आपके बैंक खाता खोलने के फॉर्म को पढ़ेगा. देखा जाएगा कि आपने फॉर्म में जो लिखा है वो डॉक्यूमेंट से मैच कर रहा है या नहीं. अब आपके डॉक्यूमेंट को चैक किया जाएगा. सब सही होने पर प्रोसेस आगे बढ़ेगा.
खाते में पैसा जमा कर दें-
बैंक में नया अकाउंट खोलने पर पैसे जमा करने होते हैं. तभी अकाउंट खोल सकेंगी. मान लीजिए आप एसबीआई में सेविंग अकाउंट खोल रही हैं. यहां पैसा इस बात पर निर्भर होगा कि बैंक की ब्रांच कहां है. यानी आप जिस ब्रांच में अकाउंट खोल रही हैं, वो कहां है. महानगर में 5000, शहर में 300, कस्बों में 2000 और ग्रामीण इलाकों में 1000 रुपये में अकाउंट खुल जाएगा. आप बैंक में पूछ सकते हैं कि अकाउंट खोलने के लिए कितना पैसा जमा करना होगा. ये सारा पैसा आपके अकाउंट में ही रहेगा. पैसा जमा कर दें. अब बैंक से आपको एक पासबुक और एक चैकबुक मिलेगा. पैसा जमा करने वाले फॉर्म की बुक भी दी जाएगी. आप चाहें तो एटीएम, डेबिट और क्रेडिट कार्ड के लिए भी एप्लाई कर सकती हैं. उसके लिए भी फॉर्म ही भरना होगा.
ब्याज दर-
अब आई फायदे की बात. सभी बैंकों में सेविंग अकाउंट पर ब्याज दर अलग-अलग होती है. ये ब्याज दर वो होती है, जिसमें आपके बैंक में जमा पैसों पर निधार्रित दर के हिसाब से ब्याज मिलता है. हमने इस बारे में एसबीआई की जबलपुर ब्रांच में असिस्टेंट मैनेजर से बात की उन्होंने हमें ये बताया कि एसबीआई की ब्याज दर 3.4 परसेंट है. सभी बैंकों की औसत सेविंग अकाउंट ब्याज दर का औसत 4 परसेंट है.
Source – Odd Nari
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