1. क्रेडिट कार्ड मिलने पर खर्च पर ध्यान रखे क्योकि क्रेडिट कार्ड मिलने पर लोग इसे बेहिसाब इस्तेमाल करने लगते हैं. और अपनी क्रेडिट लिमिट से भी अधिक और अपनी लिमिट से ज्यादा खर्च कर देते हैं और कंपनी इसके लिए चार्ज भी लगाती है. इसके अलावा अगर यूजर अपनी लिमिट का 30% से अधिक इस्तेमाल कर ले तो इसका सिबिल स्कोर पर बुरा असर पड़ता है.
2. सही वक्त पर करें क्रेडिट कार्ड पेमेंट क्योकि क्रेडिट कार्ड धारक का क्रेडिट स्कोर अच्छा रहे इसके लिए यह बेहद जरूरी है कि वह अपने क्रेडिट कार्ड के बिल और लोन की ईएमआई को अंतिम तिथि से पहले पेमेंट कर दें। समय पर पेमेंट करने से क्रेडिट स्कोर अच्छा रहता है. लेकिन जब कोई समय पर नहीं चुकाते हैं तो उसका स्कोर खराब हो जाता है और फिर आगे किसी भी तरह के लोन लेने में परेशानी होती है. साथ लेट से पेमेंट करने पर फाइन भी भरना पड़ता है.
3. भारी जुर्माने से ऐसे बचें – क्रेडिट कार्ड कंपनियां हर महीने बिल जेनेरेट करती है. जिसमें भुगतान की अंतिम तारीख का जिक्र होता है. ऐसे में उपभोक्ता ही कोशिश होनी चाहिए कि बिल का भुगतान समय पर कर दें. अगर किसी वजह से पूरे बिल का भुगतान करने में दिक्कतें आ रही हैं तो हर हाल में न्यूनतम राशि का भुगतान कर देना चाहिए. इससे भारी जुर्माने से बचा जा सकता है. हालांकि मिनिमम पेमेंट के बाद भी कंपनी बाकी रकम में ब्याज जोड़कर वसूलती है.
4. क्रेडिट लिमिट तक यूज ना करें – क्रेडिट कार्ड की पूरी लिमिट का इस्तेमाल करने से हमेशा बचना चाहिए. ऐसा करने से क्रेडिट प्रोफाइल लॉन्ग टर्म में निगेटिव हो सकती है. अगर कोई यूजर्स क्रेडिट लिमिट का पूरा इस्तेमाल कर लेते हैं तो उसे बैंक क्रेडिट हंग्री की कैटेगरी में डाल देता है. आमतौर पर कुल लिमिट के 40 फीसद तक का ही इस्तेमाल करना चाहिए।
5. लगातार लोन अप्लाई से बचें- ये जानकारी सभी क्रेडिट कार्ड धारक के लिए बेहद अहम है. जो लगातार लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई करते रहते हैं, ऐसे लोगों का क्रेडिट स्कोर कम हो जाता है. इसलिए इससे बचना चाहिए.
6. क्रेडिट रिपोर्ट की करें समीक्षा: क्रेडिट कार्ड यूजर्स को समय-समय पर अपने क्रेडिट कार्ड के स्कोर की समीक्षा करनी चाहिए. ऐसा करने से जान पाएंगे कि कहीं आपकी रिपोर्ट में कुछ गलत तो नहीं है और अगर उसमें कुछ गलत होगा तो समीक्षा के बाद आप उसे सुधार पाएंगे.
7. क्रेडिट कार्ड से एटीएम के जरिए कैश निकालने से बचें. वैसे तो हर क्रेडिट कार्ड कंपनी आपको कार्ड बेचते टाइम यह जरूर बताती है कि यूजर्स उस कार्ड से एटीएम के जरिए कैश भी निकाल सकते हैं. लेकिन जंहा क्रेडिट कार्ड से भुगतान पर आपको करीब 30-45 दिन का वक्त मिलता है. वहीं दूसरी ओर कैश पर आपको भुगतान के लिए कोई वक्त नहीं मिलता, बल्कि कैश निकालने के तुरंत बाद से आप पर ब्याज लगना शुरू हो जाता है. यह ब्याज भी 2.5 से 3.5 % प्रति महीना हो सकता है. इतना ही नहीं, इस पर आपको फ्लैट ट्रांजेक्शन टैक्स भी देना होगा।
8. अगर आपका क्रेडिट कार्ड आपको विदेश में भी इस्तेमाल की अनुमति देता है तो आप इसके इस्तेमाल से बचें. विदेशों में क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करने पर फॉरेन करंसी ट्रांजेक्शन फीस चुकानी होती है. वहीं एक्सचेंज रेट (Exchanged Rate) में उतार-चढ़ाव का भी असर पड़ता है. अगर आप विदेश में कैश नहीं इस्तेमाल करना चाहते हैं तो क्रेडिट कार्ड की जगह प्रीपेड कार्ड इस्तेमाल करें.
9. कॉन्टैक्टलेस लेनदेन को निष्क्रिय करें क्योकि अधिकांश क्रेडिट कार्ड कंपनियां अब संपर्क-रहित लेनदेन की सुविधा दे रही हैं । यह सुविधा एक यूजर को पिन दर्ज किए बिना 5000 रुपए से कम राशि का लेनदेन करने सक्षम बनाती है। अगर आपका कार्ड किसी अवांछित व्यक्ति के हाथ में पड़ जाए तो यह कई बार खतरनाक हो सकता है। ऐसी स्थिति से बचने के लिए आप संपर्क-रहित लेनदेन सुविधा को निष्क्रिय कर सकते हैं या इसकी लिमिट को और भी कम कर सकते हैं।
10. क्रेडिट कार्ड के ऑटो डेबिट को निष्क्रिय करके रखे क्योकि ऑटो डेबिट की सुविधा से लिंक किए गए बैंक खाते से क्रेडिट कार्ड के बिल, स्वचालित रूप से भुगतान हो जाएगा । यह सुविधा उपयोगी है । परंतु कई बार ऐसा भी हो सकता है कि आप पूरी बकाया राशि के भुगतान के बजाय आंशिक या न्यूनतम भुगतान करना चाहें और ऐसी स्थिति में, अगर ऑटो डेबिट की सुविधा सक्रिय है और खाते में पर्याप्त बैलेंस नहीं है, तो बैंक इसके लिए जुर्माना वसूल सकता है। ऑटो डेबिट सुविधा के बजाय समय पर अपने बिलों का भुगतान करने में आपकी सहायता के लिए किसी फाइनेंस मैनेजमेंट ऐप या कैलेंडर के माध्यम से रिमाइंडर सेट कर सकते हैं।
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