पीरियड्स महीने में एक बार आते हैं और मूड की ऐसी-तैसी कर देते हैं. ऊपर से दर्द. न खाने का मन करता है न कुछ करने का. बस दुआ करते हैं कि जैसे भी हो, जल्दी खत्म हो. अब उन औरतों का दर्द समझिए जिनको महीने में एक से ज़्यादा बार पीरियड्स होते हैं. ये न ही सिर्फ़ बहुत अनकम्फर्टेबल होता है बल्कि सेहत के लिए भी अच्छा नहीं है. महीने में एक से ज़्यादा बार पीरियड्स होने की कुछ वजहें हैं. जैसे:

1. आप अपनी बर्थ कंट्रोल पिल्स लेना भूल गई हों

अगर आप लगातार बर्थ कंट्रोल पिल्स लेती हैं और कुछ महीने लेना भूल जाएं तो आपको उस महीने एक से ज़्यादा बार पीरियड्स हो सकते हैं. वो इसलिए क्योंकि आपके हॉर्मोन्स में कुछ उतार-चड़ाव आ जाता है. बर्थ कंट्रोल पिल्स वैसे भी आपके हॉर्मोन्स के साथ ही खेलती हैं. और पीरियड्स को आपके हॉर्मोन्स कंट्रोल करते हैं. तो सारी बातों कि एक बात. अगर आप अपनी बर्थ कंट्रोल पिल्स लेना भूल गई हैं या पहली बार लेना शुरू किया है तो आपके पीरियड्स नॉर्मल से थोड़े अलग होंगे. जब आप यही पिल्स दोबारा लेना शुरू करेंगी तो अपने आप नॉर्मल हो जाएंगे.

2. आप प्रेगनेंट हो सकती हैं

हां, अक्सर ये होता है कि प्रेगनेंट होने पर पीरियड्स मिस हो जाते हैं. पर कुछ औरतों में इसका उल्टा होता है. उनको महीने में एक से ज़्यादा बार ब्लीडिंग होने लगती है. इसे स्पॉटिंग कहते हैं. ये पहले तीन महीने में होता है. इसके पीछे कई वजहें होती हैं जैसे एक्सरसाइज़, सेक्स, या प्रेग्नेंसी में कोई कॉम्प्लिकेशन. इसे सही से जांचने का तरीका है प्रेग्नेंसी टेस्ट. पर ज़रूरी है कि जैसे ही आपको पीरियड्स महीने में एक से ज़्यादा बार हों, आप फौरन टेस्ट करिए.

3. पॉलीसिस्टिक ओवरी डिसऑर्डर (PCOD) ज़िम्मेदार होता है

पॉलीसिस्टिक ओवरी डिसऑर्डर एक तरह की बीमारी होती है. इसमें औरतों के सेक्स हॉर्मोन में उथल-पुथल मच जाती है. जिसकी वजह से उनके अंडाशय में गाठें बन जाती हैं. हमारे शरीर में एक हॉर्मोन बनता है जिसका नाम होता है एण्ड्रोजन. ये मर्दों और औरतों, दोनों में होता है. पर औरतों में ये पुरषों के मुक़ाबले कम मात्रा में होता है. PCOD के कारण ये ज़्यादा मात्रा में बनने लगता है. और इसकी वजह से ऑव्युलेशन में दिक्कत आने लगती है. ओवरी पूरी तरह से अंडा बनाने में असमर्थ हो जाती है. इस वजह से पीरियड्स या तो स्किप हो जाते हैं या बार-बार होते हैं.

4. स्ट्रेस बड़ी वजह होती है

स्ट्रेस केवल आपकी हेल्थ ही नहीं, आपके पीरियड्स के लिए भी बहुत नुकसानदेह होता है. स्ट्रेस की वजह से आपके शरीर में एक स्ट्रेस हॉर्मोन बनता है. इसका नाम है कोर्सिटोल. कोर्सिटोल का असर पिट्यूटरी ग्लैंड पर पड़ता है. ये एक ग्रंथि होती है जो शरीर में बनने वाले सारे हॉर्मोन्स को कंट्रोल करती है. मतलब अगर इसके साथ कोई लोचा हुआ तो उसका असर पड़ता है सीधे पीरियड्स पर. नतीजा? एक से ज़्यादा बार पीरियड्स होना.

5. आपको मेनोपॉज़ होने वाला है

मेनोपॉज़ अक्सर औरतों में 45 के बाद शुरू होता है. पर कई औरतों में ये 35 साल के बाद भी शुरू हो जाता है. इसकी शुरुआत होती है इर्रेगुलर पीरियड्स से. कई बार ऐसा होता है कि पीरियड्स हर कुछ दिन में होने लगते हैं. इनमें ब्लीडिंग भी काफ़ी हैवी होती है. इस केस में आप ज़्यादा कुछ नहीं कर सकतीं. पर हां, दवाएं ज़रूर ले सकती हैं.

Source – OddNari

   
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