गुजरे जमाने की एक्ट्रेस साधना की 2 सितम्बर को 77वीं बर्थ एनिवर्सरी है। उनका जन्म 1941 में कराची, पाकिस्तान के एक सिंधी परिवार में हुआ था। बंटवारे के बाद साधना का परिवार मुंबई में बस गया। 19 साल की उम्र में बतौर एक्ट्रेस डेब्यू करने वाली साधना ने कुल 27 फिल्मों में काम किया। साधना को हाइपर थायराइड हुआ था। इसका असर उनकी बॉडी पर पड़ा कि उनकी एक आंख की रोशनी चली गई थी।
डायरेक्टर को ही दिल दे बैठी थीं साधना : साधना ने यूं तो राज कपूर की फिल्म ‘श्री 420’ के एक गाने ‘मुड़-मुड़ के न देख..’ में कोरस में काम किया था। लेकिन बतौर एक्ट्रेस 1960 में आई फिल्म ‘लव इन शिमला’ से डेब्यू किया था। इस फिल्म के डायरेक्टर आरके नैय्यर थे। पहली ही फिल्म के डायरेक्टर आरके नैय्यर से साधना को प्यार हो गया था। वे उनसे शादी करना चाहती थीं लेकिन उनके माता-पिता नहीं चाहते थे साधना कम उम्र में शादी करें।
– 6 साल डेटिंग के बाद साधना ने 7 मार्च, 1966 को नैय्यर से शादी थी। अस्थमा के अटैक की वजह से नैय्यर का निधन 1995 में हो गया था।
एक रुपए टोकन अमाउंट मिला था :साधना ने महज 14 साल की उम्र से काम करना शुरू कर दिया था। वे 16 साल की उम्र में सिंधी फिल्म ‘अबाना’ की लीड एक्ट्रेस थीं। इस फिल्म के लिए उन्हें केवल एक रुपए का टोकन अमाउंट मिला था। इस फिल्म के बाद एक मैगजीन में साधना की फोटो छपी थी, जिसे देखकर प्रोड्यूसर सशाधर मुखर्जी ने फिल्म ‘लव इन शिमला’ ऑफर दिया था।
– फिल्म के डायेक्टर आरके नैय्यर को साधना का चेहरा थोड़ा अजीब लगा था। नैय्यर को साधना का माथा बहुत बड़ा लगा था। उन्होंने हॉलीवुड एक्ट्रेस ऑडी हेपबर्न की तरह साधना का हेयर स्टाइल करवा दिया था। बाद में साधना की यही हेयरस्टाइल उनकी पहचान बनीं थीं।
आखिरी वक्त में रह गई थीं अकेली :पति के निधन के बाद साधना अकेले रह गई थीं। दोनों का कोई बच्चा भी नहीं था। आखिरी दिनों में वे मुंबई के एक पुराने बंगले में किराए पर रहती थीं। ये बंगला आशा भोंसले का था। साधना को थायराइड की बीमारी हो गई थीं, जिससे उनकी आंखों पर भी असर पड़ा था। गिरती सेहत के चलते आखिरकार 25 दिसंबर, 2015 को उनका निधन हो गया
इन फिल्मों में किया साधना ने काम :साधना ने बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट अपने एक्टिंग करियर शुरू किया था। लव इन शिमला में उनके पहले हीरो थे जॉय मुखर्जी। साधना की पहली ही फिल्म सुपरहिट रही और वे रातों-रात स्टार बन गई। इसके अलावा उन्होंने ‘हम दोनों’ (1961), ‘प्रेम पत्र’ (1962), ‘एक मुसाफिर एक हसीना’ (1962), ‘वो कौन थी’ (1964), ‘राजकुमार’ (1964), ‘एक फूल दो माली’ (1969), ‘इंतेकाम’ (1969) ‘आप आए बहार आई’ (1971) जैसी कई हिट फिल्मों में काम किया।
Source – Dainik Bhaskar
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