मौसम में बदलाव के साथ ही हमें अपनी सौंदर्य आवश्यकताओं को बदलकर बदलते मौसम के अनुरूप ढालना चाहिए, ताकि हमारी त्वचा तथा बालों को पर्याप्त देखभाल मिल सके.

 

वसंत ऋतु को मौसम का राजा कहा जाता है, लेकिन इस दौरान स्किन से जुड़ी कई परेशानियां सामने आती हैं. वसंत ऋतु में मौसम में शुष्क हवा और तापमान में बढ़ोतरी से त्वचा के जलन तथा अन्य सौंदर्य समस्याएं उभर जाती हैं. मौसम में बदलाव के साथ ही हमें अपनी सौंदर्य आवश्यकताओं को बदलकर बदलते मौसम के अनुरूप ढालना चाहिए, ताकि हमारी त्वचा तथा बालों को पर्याप्त देखभाल मिल सके. वसंत ऋतु शुरू होते ही त्वचा रूखी व पपड़ीदार हो जाती है. इस मौसम में त्वचा में नमी की कमी की वजह से रूखे लाल चकत्ते भी पड़ जाते हैं.”

 

वसंत ऋतु में घरेलू उपचार :

 

  • यदि त्वचा तैलीय है तो 50 मिलीलीटर गुलाब जल में एक चम्मच शुद्ध ग्लीसरीन मिलाइए. इस मिश्रण को बोतल में डालकर इसे पूरी तरह मिला कर इस मिश्रण को चेहरे पर लगा लीजिए. इससे त्वचा में पर्याप्त आद्र्रता बनी रहेगी तथा ताजगी का अहसास होगा.

 

  • तैलीय त्वचा पर  शहद का लेप कर सकते हैं. शहद प्रभावशाली प्राकृतिक आद्र्रता प्रदान करके त्वचा को मुलायम तथा कोमल बनाता है. रोजाना 15 मिनट तक शहद का लेप चेहरे पर करके उसे स्वच्छ ताजे पानी से धो सकते हैं. इससे त्वचा पर सर्दियों के दौरान पड़े विपरीत प्रभाव को कम करने में मदद मिलती है.

 

  • वसंत ऋतु में एलर्जी की समस्या बढ़ जाती है, जिससे त्वचा में खारिश, चकत्ते तथा लाल धब्बे हो जाते हैं. ऐसे में चंदन क्रीम को त्वचा का संरक्षण तथा रंगत रखने में काफी उपयोगी माना जाता है.

 

  •   त्वचा के रोगों खासकर फोड़े, फुंसी लाल दाग तथा चकत्ते में तुलसी भी अत्याधिक उपयोगी है. त्वचा के घरेलू उपचार में नीम तथा पुदीना की पत्तियां भी काफी सहायक मानी जाती हैं.

 

  •   त्वचा की खाज, खुजली तथा फुंसियों में चंदन पेस्ट का लेपन कीजिए. चंदन पेस्ट में थोड़ा सा गुलाब जल मिलाकर उसे प्रभावित त्वचा पर लगाकर आधा घंटा बाद ताजे स्वच्छ जल से धो डालिए.

 

  •   चंदन के दो या तीन बूंद तेल को 40-50 मिलीलीटर गुलाब जल में मिलाइए तथा इसे प्रभावित स्थान पर लगाइए.

 

  • त्वचा की खारिश में एपल सिडर विनेगर काफी मददगार साबित होता है. इससे गर्मी की जलन व बालों में रूसी की समस्या को निपटने में मदद मिलती है.

 

  •  नींबू की पत्तियों को चार कप पानी में हल्की आंच पर एक घंटा उबालिए. इस मिश्रण को टाइट जार में रातभर रहने दीजिए.अगली सुबह मिश्रण से पानी निचोड़ कर पत्तियों का पेस्ट बना लीजिए और इस पेस्ट को प्रभावित त्वचा पर लगा लीजिए।

 

  •  एक चम्मच मुलतानी मिट्टी को गुलाब जल में मिलाकर इस पेस्ट को प्रभावित स्थान पर लगाकर 15.20 मिनट बाद धो डालिए.

 

  • त्वचा की खारिश में बायोकाबोर्नेट सोडा भी अत्यधिक प्रभावशाली साबित होता है. बायोकाबोर्नेट सोडे तथा मुल्तानी मिट्टी और गुलाब जल का मिश्रण बनाकर पैक बना लें. इसे खारिश, खुजली चकते तथा फोड़े-फुंसियों पर लगाकर 10 मिनट बाद ताजे स्वच्छ जल से धो लीजिए. इससे त्वचा को काफी राहत मिलेगी.

 

Share

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *