मेलबर्न। वैज्ञानिकों ने हेपेटाइटिस सी जैसी घातक बीमारी से बचाव के लिए अपनी तरह का पहला टीका विकसित करने का दावा किया है। हेपेटाइटिस सी एक संक्रामक रोग है, जो हेपेटाइटिस सी वायरस से फैलता है। लिवर को क्षति पहुंचाने वाली इस बीमारी से दुनियाभर में करीब 20 करोड़ लोग प्रभावित हैं।
मेलबर्न स्थित बर्नेट इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं के मुताबिक हेपेटाइटिस यह एक महत्वपूर्ण खोज है। इसकी मदद से पहली बार हेपेटाइटिस निरोधक टीका बनाने में मदद मिलेगी। हेपेटाइटिस सी वायरस अपनी संरचना बदलने की क्षमता रखता है। वायरस के संक्रमण से शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली पूरी तरह प्रभावित हो जाती है। ऐसे में इस वायरस से बचाव का टीका विकसित करना काफी मुश्किल था। शोधकर्ताओं के मुताबिक, ‘हेपेटाइटिस के संक्रमण के बारे में अक्सर पता नहीं चल पाता है,लेकिन एक बार होने पर यह लिवर को गंभीर रूप से प्रभावित करता है और लिवर सिरोसिस होने की आशंका बढ़ जाती है। यह यकृत की सबसे गंभीर बीमारी है, इस बीमारी का इलाज लिवर प्रत्यारोपण के अलावा कुछ नहीं है।
कुछ मामलों में सिरोसिस से पीड़ित मरीजों को आगे चल कर लिवर के फेल होने और लिवर का कैंसर होने का खतरा रहता है। प्रमुख शोधकर्ता बर्नेट इंस्टीट्यूट की सहायक प्रोफेसर हेदी ड्रमर ने बताया हेपेटाइटिस सी से बचाव के लिए यूरोप में कई टीकों का परीक्षण किया जा रहा है, लेकिन हमारा टीके में अलग तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। ड्रमर ने अपनी नई खोज को गत 13 अगस्त को अमेरिका के मैसाच्युसेट्स के कैंब्रिज में इम्यूनो थेरोप्यूटिक वेक्सीन समिट में पेश किया।
Source – JAGARAN
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