मैं ऑफिस बस से ही आती जाती हूँ । ये मेरी दिनचर्या का हिस्सा हैं । उस दिन भी बस काफ़ी देर से आई, लगभग आधे-पौन घंटे बाद । खड़े-खड़े पैर दुखने लगे थे । पर चलो शुक्र था कि बस मिल गई । देर से आने के कारण भी और पहले से ही बस …
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मैं ऑफिस बस से ही आती जाती हूँ । ये मेरी दिनचर्या का हिस्सा हैं । उस दिन भी बस काफ़ी देर से आई, लगभग आधे-पौन घंटे बाद । खड़े-खड़े पैर दुखने लगे थे । पर चलो शुक्र था कि बस मिल गई । देर से आने के कारण भी और पहले से ही बस …