बापू का देश अहिंसा, निस्वार्थ, आत्मबल, स्थानीयता, स्वावलंबन का देश है। वह विचारों से आधुनिक मगर देशज संस्कृति का वाहक है। सिद्धांत से अधिक व्यवहार में जीता है। बापू के यहां आचरण की पद्धति मनुष्य को कर्तव्य मार्ग की ओर ले जाती है। बापू ने अपना संपूर्ण जीवन इसी कर्तव्य मार्ग को समर्पित किया और …
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