पुस्तक अंशः मार्क्सवाद का अर्धसत्य; फिडेल कास्ट्रो से अवार्ड वापसी तक अनंत विजय की नज़र

अनंत विजय हमारे दौर के बड़े लिक्खाड़ हैं. एक स्तंभकार, आलोचक, लेखक, वक्ता के रूप में उन्होंने अपना व्यापक प्रभाव छोड़ा है. खूब पढ़ते हैं, और उतना ही लिखते भी हैं. बतौर लेखक जहां वह अपने विषय को लेकर बहुत स्पष्ट हैं, वहीं बतौर आलोचक उन्होंने बड़े बड़े लेखकों की बखिया उधेड़ी है. हाल के …