क्या किसी के मरने पर ठहाके लगते हैं, सवाल अटपटा जरूर है, पर काका हाथरसी तो यही चाहते थे। ऐसा हुआ भी। ठहाकों के बादशाह काका हाथरसी की शवयात्रा ऊंटगाड़ी पर निकली और अंतिम संस्कार के समय श्मशान स्थल पर कवि सम्मेलन हुआ, जिसमें देश के प्रसिद्ध कवि अशोक चक्रधर मौजूद थे। संचालन ब्रजभाषा के …
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