जब तक बचपन था तो मैं तब तक सामान्य बच्चों की तरह ही थी, मैं लड़की या लड़का सभी के साथ खेल सकती थी, लेकिन जैसे ही मैं बड़ी होती गई तो ना तो लड़के मेरे साथ खेलना पसंद करते थे और न ही लड़की. लड़कों में खड़ी होती तो लड़के मजाक उड़ाते और लड़कियों …
Continue reading “एक हिजड़े की आपबीती, जिसे सुनकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं: भाग 2”