रवींद्रनाथ टैगोर की जयंती पर विशेष : मैं बचा रहना चाहता हूं !

बंगला साहित्य के उत्कर्ष के पर्याय गुरूदेव रवींद्रनाथ टैगोर देश के महानतम कवियों, कथाकारों, उपन्यासकारों, नाटककारों, चित्रकारों, संगीतकारों और शिक्षाविदों में एक थे. भारतीय मनीषा के इस शिखर पुरूष का व्यक्तित्व किसी किसी प्राचीन ऋषि के जैसा था जिसमें न सिर्फ हमारे प्राचीन विवेक में गहराई तक उतरने का विवेक था, बल्कि भविष्य की आशावादी …