सेंक के लिए सादा गर्म पानी, नमक, कपूर या तारपीन के तेल मिले गर्म पानी से स्नान करना फ़ायदेमंद रहता है. यह सेंक दवा या मरहम लगाने के बाद ही करना चाहिए. सेंक करने से रक्तवाहिनियां फैल जाती हैं और प्रकुपित तंत्रिकाएं शांत हो जाती हैं. इस प्रकार हमारे शरीर का दर्द शांत हो जाता है. इसके अलावा यहां पर हम कुछ उपयोगी घरेलू नुस्ख़े दे रहे हैं, जिनके प्रयोग से तमाम तरह के दर्द से राहत मिलती है.
* घुटनों, हाथों की उंगलियों या बांहों के जोड़ों में टीस भरा दर्द उठता हो और कोई भी काम करने में या वज़न उठाने पर जोड़ों में दर्द होता हो, तो दिन में चार-पांच बार टमाटर का सेवन करते रहें या टमाटर का एक ग्लास रस सुबह-शाम लें. इससे कुछ दिनों में ही आपको आश्चर्यजनक रूप से लाभ होगा.
* चूना व शहद मिलाकर लेप करने से पसली के दर्द से राहत मिलती है या फिर सरसों को पानी में पीसकर गरम करके इसका लेप दर्दवाले स्थान पर बार-बार लगाएं.
* इसके अलावा एक ग्लास पानी में दो चम्मच जीरा डालकर गरम करें और उस गरम पानी में तौलिया भिगोकर अच्छी तरह निचोड़ें और उसकी भाप से सेंक करें. कुछ ही घंटों में आराम मिल जाएगा.
* 100 ग्राम मेथीदाना हल्का-सा भूनें. फिर इसे हल्का-सा कूटकर उसमें चौथाई भाग काला नमक मिला लें. सुबह-शाम दो चम्मच गरम पानी के साथ इसकी फंकी लें. इस प्रयोग को निरंतर 15 दिनों तक करने से कैसा भी असहय दर्द हो, दूर हो जाएगा.
* शरीर के किसी अंग में दर्द की टीस उठती हो, तो आप सुबह-शाम पीसे हुए आंवले का चूर्ण गुनगुने पानी के साथ फांक लें. फिर कुछ देर बाद पिसी हुई इलायची दूध में डालकर पीएं. इस प्रयोग से अंगों में चुस्ती-स्फूर्ति बनी रहेगी और शरीर के किसी भी अंग में दर्द की टीस नहीं उठेगी.
* लहसुन पीसकर लगाने से बदन के हर अंग का दर्द जाता रहेगा. किंतु इसे जल्द हटा लेना चाहिए, नहीं तो फफोले पड़ने का डर रहता है.
* राई यानी सरसों का लेप करने से हर प्रकार का दर्द मिट जाता है.
* गठिया के दर्द में एरंडी का छिला हुआ बीज पहले दिन एक, दूसरे दिन दो, इस प्रकार सात बीज तक खाएं. फिर प्रतिदिन एक-एक कम करके एक बीज पर ले आएं. इससे गठिया का दर्द हमेशा के लिए गायब हो जाएगा.
* जोड़ों के दर्द में अजवायन को पानी में डालकर पका लें और उस पानी की भाप दर्दवाले स्थान पर दें. देखते ही देखते दर्द दूर हो जाएगा.
* लहसुन की दो कलियां कुचलकर तिल के तेल में डालकर तेल गर्म करें और उससे जोड़ों पर मालिश करें. इससे भी बहुत लाभ होता है.
पथ्य-अपथ्यः जोड़ों के दर्द से बचने व इससे पीड़ित मरीज़ को दर्द से छुटकारा दिलाने के लिए रोग उत्पादक कारणों को टालना चाहिए. खट्टा, तीखा, ठंडा, रूखा भोजन नहीं करना चाहिए. चर्बी बढ़ानेवाले खाद्य पदार्थों से परहेज़ करना चाहिए. पौष्टिक और पचने में आसान चीज़ों को आहार में शामिल करें. शारीरिक श्रमवाले कामों से बचना चाहिए. साथ ही जागरण व मानसिक तनावों से भी दूर रहना चाहिए.
Source – Meri Saheli
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